दुर्ग : भिलाई के रिसाली नगर निगम की बुधवार को सामान्य सभा की बैठक बुलाई गई. जहां ध्वनिमत से सफाई ठेका देने का प्रस्ताव पारित हो गया. यह ठेका मेसर्स एल्मेंक टेक्नोक्रैट्स को सालाना 12 करोड़ 29 लाख रुपये में दिया गया है. इस प्रस्ताव का महापौर और एमआईसी मेंबरों ने विरोध किया था, लेकिन उनके विरोध के बावजूद यह प्रस्ताव पारित कर दिया गया.
एक कंपनी को सभी चार ग्रुपों में दिया ठेका : रिसाली नगर निगम की विशेष सामान्य सभा में निगम क्षेत्र के सभी वार्डों की सफाई व्यवस्था के लिए चार ग्रुप में निविदाएं प्रस्तुत की गईं. हर ग्रुप में चार निविदाकारों ने हिस्सा लिया, लेकिन केवल दो-मेसर्स एल्मेंक टेक्नोक्रैट्स और मेसर्स भारतीय सिक्युरिटी सर्विस-पात्र पाए गए. दोनों कंपनियों की वित्तीय दरों की तुलना के बाद मेसर्स एल्मेंक टेक्नोक्रैट्स को सभी चार ग्रुपों में ठेका दिया गया.
महापौर ने निविदा प्रक्रिया पर उठाए सवाल : महापौर शशि सिन्हा का कहना है कि निगम की आय से अधिक व्यय करना अनुचित है. निगम के पास सीमित वित्तीय संसाधन हैं और ऐसे ठेके निगम के आर्थिक संतुलन को बिगाड़ सकते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी रही.
निगम आयुक्त और सभापति पर आरोप लगाते हुए इस ठेके को रद्द कर नई निविदा प्रक्रिया शुरू करने की मांग की. यह ठेका निगम के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ डाल सकता है : शशि सिन्हा, महापौर
सभापति ने सफाई व्यवस्था को दी प्राथमिकता : रिसाली निगम सभापति केशव बंछोर ने कहा कि सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करना प्राथमिकता है. निविदा प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रही और न्यूनतम दरों के आधार पर ठेका दिया गया.
प्लेसमेंट श्रमिकों की नियुक्ति का प्रस्ताव स्वीकृत : ठेका प्रस्ताव पारित होने के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 में सफाई कार्य के लिए प्लेसमेंट श्रमिकों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया. निगम ने सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने के लिए कार्य योजना तैयार करने की घोषणा की है. महापौर और एमआईसी मेंबरों के विरोध के बीच ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित होने के बाद यह मामला राजनीतिक और प्रशासनिक बहस का मुद्दा बन गया है. अब देखना होगा कि निगम इस फैसले को लेकर जनता और राजनीतिक नेतृत्व को कैसे संतुष्ट कर पाता है.