देहरादून: उत्तराखंड में राज्य वन सेवा के अफसरों का आखिरकार इंतजार खत्म हो गया है. नवंबर महीने में हुई DPC (विभागीय पदोन्नति समिति) के करीब ढाई महीने बाद इन अधिकारियों को आईएफएस (भारतीय वन सेवा) कैडर में प्रमोशन मिला है, जबकि प्रमोशन पाने वाले आठ अधिकारियों में से एक राज्य सेवा के अधिकारी नवंबर महीने में ही रिटायर हो चुके हैं.
उत्तराखंड में राज्य वन सेवा के आठ अधिकारियों को लंबे समय बाद आईएफएस कैडर मिल गया है. हालांकि प्रमोशन पाने वाले इन आठ अधिकारियों में से अनिल तमता 30 नवंबर को ही रिटायर हो चुके हैं. इन अधिकारियों के प्रमोशन को लेकर DPC नवंबर महीने में हो गई थी, लेकिन इसमें आदेश होने में करीब ढाई महीने का वक्त लग गया. शायद यही कारण है कि यह अधिकारी प्रमोशन को लेकर काफी समय से इंतजार कर रहे थे.
प्रमोशन पाने वाले अधिकारियों में अनिल टम्टा, करुणा निधि भारती, उमेश चंद तिवारी, नवीन चंद पंत, प्रकाश चंद्र आर्य, रंगनाथ पांडे, देवी प्रसाद बलूनी और ध्रुव सिंह मार्तोलिया का नाम शामिल है. वैसे इन सीनियर राज्य वन सेवा के अधिकारियों का प्रमोशन 2020 से 2023 के बीच की रिक्ति के सापेक्ष किया गया है. इसमें 2020 में 2 पद, साल 2021 से 7 पद और साल 2022 से 13 पद खाली चल रहे हैं. हालांकि इसके सापेक्ष आठ राज्य वन सेवा के अधिकारी ही प्रमोशन के लिए एलिजिबल हैं.
खास बात यह है कि इन अधिकारियों का प्रमोशन पिछले कुछ वर्षों से लंबित था, ऐसे में वन विभाग ने इन्हें प्रभारी डीएफओ के तौर पर पहले ही जिम्मेदारी दे दी थी. इनमें तमाम अधिकारी विभिन्न प्रभागों में डीएफओ के तौर पर काम कर रहे हैं. जबकि अब इन्हें फुल फ्लैश DFO के रूप में जिम्मेदारी मिल पाएगी. इनमें भी कई अधिकारी ऐसे हैं, जो इसी साल रिटायर हो रहे हैं जिसके बाद राज्य वन सेवा के अधिकारियों के आईएफएस कैडर में कुछ और पद इस साल खाली हो जाएंगे.
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