रांची:नई सरकार के गठन के साथ ही स्वास्थ्य महकमा भी रेस होता दिख रहा है. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल और इससे जुड़ी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शासी परिषद की बैठक में 783 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
कैंसर रोगियों का अब ओंकोलॉजी विभाग में ही चेकअप के लिए पर्चा कटेगा. कार्डियोलॉजी विभाग में यह व्यवस्था पहले से है. इसके तहत आईपीडी भवन का जीर्णोद्धार, ओपीडी भवन का निर्माण, निदेशक आवास के अलावा अन्य पदाधिकारियों के लिए आवास का निर्माण होगा. एमआरआई समेत अन्य जरूरी उपकरणों को नॉमिनेशन आधार पर खरीदा जाएगा.
निविदाओं के निष्पादन के लिए पीएमयू के गठन की स्वीकृति मिली है. केली बंगला को हेरिटेज भवन के रूप में संरक्षित किया जाएगा. नये भवनों के निर्माण के लिए दो माह के भीतर निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. रिम्स द्वारा नियुक्त चिकित्सकों को एपीएस के प्रावधानों के तहत प्रमोशन दिया जाएगा. जबकि सरकार के स्तर पर नियुक्त चिकित्सकों को सरकार के स्तर पर प्रमोशन मिलेगा. इसके अलावा रिसर्च पेपर पब्लिकेशन की तारीख से वित्तीय लाभ मिलेगा. संबंधित कार्यों के निष्पादन के लिए निदेशक को 1.5 करोड़ और अध्यक्ष यानी विभागीय मंत्री को 15 करोड़ तक खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. डायटिशियन की नियुक्ति संविदा के आधार पर होगी.
सबसे खास बात है कि 10 वर्ष से कार्यरत अनुबंध/दैनिक कर्मियों को आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए समायोजन की प्रक्रिया को एक माह के भीतर पूरा किए जाने का निर्णय लिया गया है. रिसर्च कार्यों के लिए पीएल खाते में उपलब्ध राशि का एक अलग बैंक खाता खोलकर हर वित्तीय वर्ष में ट्रांसफर करने का फैसला हुआ है. रिम्स में कार्यरत कर्मचारियों का पीएफ काटने के मामले में अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी. इसकी वजह से 2002-16 के बीच 40 करोड़ का नुकसान हुआ है. रिम्स में विधिक ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी.