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रिम्स के अनुबंधकर्मियों की सेवा होगी नियमित, कैंसर रोगियों को नहीं करनी होगी भाग दौड़, शासी परिषद की बैठक में लिए गये कई बड़े फैसले - RIMS Governing Council Meeting

RIMS Governing Council Meeting. नई सरकार का गठन होते ही स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से एक्टिव हो गया है. शासी परिषद की बैठक में कई बड़े फैसले लिये गये है. रिम्स की हालत सुधारने के लिए अब अनुबंध कर्मियों की सेवा नियमित की जाएगी. इसके अलावा कैंसर रोगियों के लिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि उन्हें दौड़ भाग ना करना पड़े.

RIMS GOVERNING COUNCIL MEETING
रिम्स (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 9, 2024, 6:25 PM IST

रांची:नई सरकार के गठन के साथ ही स्वास्थ्य महकमा भी रेस होता दिख रहा है. राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल और इससे जुड़ी व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए शासी परिषद की बैठक में 783 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.

कैंसर रोगियों का अब ओंकोलॉजी विभाग में ही चेकअप के लिए पर्चा कटेगा. कार्डियोलॉजी विभाग में यह व्यवस्था पहले से है. इसके तहत आईपीडी भवन का जीर्णोद्धार, ओपीडी भवन का निर्माण, निदेशक आवास के अलावा अन्य पदाधिकारियों के लिए आवास का निर्माण होगा. एमआरआई समेत अन्य जरूरी उपकरणों को नॉमिनेशन आधार पर खरीदा जाएगा.

निविदाओं के निष्पादन के लिए पीएमयू के गठन की स्वीकृति मिली है. केली बंगला को हेरिटेज भवन के रूप में संरक्षित किया जाएगा. नये भवनों के निर्माण के लिए दो माह के भीतर निविदा प्रक्रिया शुरू की जाएगी. रिम्स द्वारा नियुक्त चिकित्सकों को एपीएस के प्रावधानों के तहत प्रमोशन दिया जाएगा. जबकि सरकार के स्तर पर नियुक्त चिकित्सकों को सरकार के स्तर पर प्रमोशन मिलेगा. इसके अलावा रिसर्च पेपर पब्लिकेशन की तारीख से वित्तीय लाभ मिलेगा. संबंधित कार्यों के निष्पादन के लिए निदेशक को 1.5 करोड़ और अध्यक्ष यानी विभागीय मंत्री को 15 करोड़ तक खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है. डायटिशियन की नियुक्ति संविदा के आधार पर होगी.

सबसे खास बात है कि 10 वर्ष से कार्यरत अनुबंध/दैनिक कर्मियों को आरक्षण रोस्टर का पालन करते हुए समायोजन की प्रक्रिया को एक माह के भीतर पूरा किए जाने का निर्णय लिया गया है. रिसर्च कार्यों के लिए पीएल खाते में उपलब्ध राशि का एक अलग बैंक खाता खोलकर हर वित्तीय वर्ष में ट्रांसफर करने का फैसला हुआ है. रिम्स में कार्यरत कर्मचारियों का पीएफ काटने के मामले में अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी. इसकी वजह से 2002-16 के बीच 40 करोड़ का नुकसान हुआ है. रिम्स में विधिक ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी.

माइक्रो बायोलॉजी स्टाफ की भी नियुक्ति होगी. रिम्स से सेवानिवृत्त चिकित्सकों को अनुबंध पर करने का फैसला लिया गया है. हॉस्पिटल मैनेजर और प्रोटोकॉल मैनेजर की भी नियुक्ति होगी. रिम्स में वैसे रोगियों का भी इलाज होगा, जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं होगा. पीएसएम विभाग में समाज सेवक और समाज सेविका के पद का सृजन होगा.

खास बात है कि पीजी-एमएचए स्टूडेंट को 30 हजार रु. प्रति माह स्टाइपेंड के रूप में दिया जाएगा. फायर फाइटिंग यंत्रों को लगाने की भी स्वीकृति दी गई है. एक और अहम बात ये है कि संविदा में स्थानीय लोगों को अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन के बिल का भुगतान करने पर सहमति बनी है. इस बैठक में रांची के सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री संजय सेठ, कांके विधायक समरी लाल, विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स निदेशक समेत अन्य मौजूद थे.

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