लखनऊ: होम्योपैथी विभाग का अलग कम्युनिटी मेडिसिन यूनिट बनेगा. जिसमें कॉलेज से पढ़कर तैयार हुए यूजी और पीजी के छात्रों को काम करने का मौका दिया जाएगा. इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है. बजट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
नेशनल होम्योपैथी कॉलेज एवं चिकित्सालय के प्रिंसिपल प्रो. विजय पुष्कर बताया कि सेवानिवृत के बाद भी मेरी तरफ से प्रयास जारी है. मुझे उम्मीद है कि 2027 तक कम्युनिटी मेडिसिन विभाग भवन की शुरुआत होगी. होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रो. बीएन सिंह ने कहा जब मैं पढ़ाई करता था उस समय मोहन होम्योपैथ कॉलेज कैसरबाग में हुआ करता था. लेकिन, उसे प्रांतीय बनाने के लिए हमने न जाने कितनी ही मीटिंग की है हड़ताल की है कुछ लोग तो इसके लिए जेल तक गए और आखिरकार हम सफल रहे.
इस दौरान कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. डीके सोनकर ने होम्योपैथी के अस्तित्व पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि प्रदेश में करीब 1600 होम्योपैथी डिस्पेंसरी संचालित हो रही हैं. इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों को कॉलेज की समस्याओं से भी अवगत कराते हुए कहा कि लाइब्रेरी में लिफ्ट लगवाने की जरूरत है. कुछ दिव्यांग छात्र भी आते हैं जिन्हें ऊपर जाने में समस्या होती है साथ ही यहां सफाईकर्मियों की संख्या कम है. इसलिए कॉलेज परिसर में सफाई नहीं हो पाती. इसके अलावा छात्रों के आने-जाने के लिए एक बस की भी मांग की गई.
जानिए क्या है कमुनिटी मेडिसिन यूनिट:उन्होंने बताया कि कम्युनिटी मेडिसिन यूनिट में प्रशिक्षण का मकसद प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के पेशेवरों और डॉक्टरों को तैयार करना है. इस प्रशिक्षण में इन पेशेवरों को अपने आस-पास के समुदाय में आम बीमारियों और स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करने और उनका प्रबंधन करने का तरीका सिखाया जाता है. सामुदायिक चिकित्सा के ज़रिए, समुदायों को प्रभावित करने वाले स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों से निपटा जाता है.