मेरठः डिजिटल इंडिया की थीम को बढ़ावा लगातार देने के लिए कोशिश हो रही है. इसी कड़ी में मेरठ का एक गांव भी पूरी तरह से स्मार्ट बनने की ओर अग्रसर है. परीक्षितगढ़ ब्लॉक के नगला गोसाई गांव में एक और नई पहल की है. ग्राम प्रधान सरिता देवी ने शूटिंग रेंज के बाद पंचायत राज विभाग के सहयोग से नंगला गोसाईं में सरकारी प्राथमिक स्कूल अब स्मार्ट हो गया है. इस गांव के स्कूल में अब पूरी तरह से स्मार्ट तरीके से स्टूडेंट्स इंग्लिश बोलना सीख रहे हैं. जिले के अफसरों का दावा है कि यह प्रदेश में अपनी तरह की अनूठी पहल है.
20 गांवों के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासः बता दें कि नगला गोसाई गांव की प्रधान सरिता देवी ने परीक्षितगढ़ के बीस ग्राम प्रधानों को जब अपने विजन के बारे में बताया तो वह भी तैयार हो गये. इसका परिणाम यह हुआ कि अब नगला गोसाईं गांव में प्राइमरी स्कूल में बनाए गई स्मार्ट क्लास को वाई फाई और अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. इसी तर्ज पर बाकी नजदीक की बीस ग्राम पंचायतों में भी ग्राम प्रधानों ने रुचि लेते हुए स्मार्ट क्लास तैयार कराई है. ये सभी स्मार्ट क्लास कनेक्टेज हैं. स्पीकिंग कोर्स कराने के लिए एक ट्यूटर नियुक्त किया गया है. जिससे एक साथ बीस स्कूल के बच्चे अंग्रेजी सीख रहे हैं.
सभी स्मार्ट क्लास कनेक्टेडः जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि ग्राम पंचायतें विकास की सबसे छोटी यूनिट हैं. जिस तरह से गांवों का विकास होगा, उसी तर्ज पर देश का भी विकास होता है मेरठ के परीक्षितगढ़ ब्लॉक के नगला गोसाईं गांव में भी प्रधान ने एक बेहद ही अलग और अनूठी पहले शुरू की है. आसपास के 20 गांवों ने मिलकर एक इस पहल को मुहूर्त रूप दिया है. इन सभी गांवों के प्राइमरी स्कूलों को आपस में एक दूसरे से डिजिटली जोड़ा गया है. जिसका केंद्र बिंदु नगला गोसाईं गांव को बनाया गया है. इन सभी स्कूलों में अब गांव के बच्चों को इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स कराया जा रहा है.
एक ट्यूटर बच्चों को सिखा रहे इंग्लिशः डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि जो ग्राम प्रधान इस मुहिम में आगे आए हैं, उनका यह मानना है कि ग्रामीण बच्चे भी पढ़ाई करते-करते ही अपनी अंग्रेजी को सुधारें. नगला गोसाईं की प्रधान ने पंचायत निधि से एक स्मार्ट क्लास विकसित की है. इन्हीं के साथ जुड़े 20 ग्राम पंचायतों ने भी अपने गांव में स्थित बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूल में ये स्मार्ट क्लास विकसित की हैं. ये सभी ग्राम पंचायत आपस में एक दूसरे से इंटर कनेक्ट हैं. इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स कराने के लिए एक ट्यूटर रखा गया है, जिसको पंचायत द्वारा ही मानदेय दिया जाएगा. एक समय में एक साथ बीस स्कूलों के बच्चे ऑनलाइन मोड़ में इंग्लिश सीख रहे हैं.
एक हजार बच्चों ने कराया रजिस्ट्रेशनः डीपीआरओ रेनु श्रीवास्तव ने बताया कि अभी तक एक हजार बच्चे रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. बच्चों से कोई फीस नहीं लिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवा या बच्चे जब बाहर जाते हैं, तो उन्हें अंग्रेजी भाषा बोलने-समझने समस्या होती है, ऐसे मे इंग्लिश सीखना कितना जरूरी है यह सभी जानते हैं. जो बच्चे बारहवीं या ग्रेजुएशन कर रहे हैं या फिर अन्य भी ऐसे युवा हैं जो अंग्रेजी भाषा का ज्ञान पाना चाहते हैं, उन्हें भी अवसर दिया जाएगा. ग्राम प्रधान सरिता देवी के इस प्रयास को लगातार सराहना भी मिल रही है. मुख्य विकास अधिकारी नूपुर गोयल का कहना है कि इससे पहले ग्राम प्रधान ने विभाग की मदद से गांव में शूटिंग रेंज बनाई थी. उसमें भी न सिर्फ गांव के बच्चे बल्कि आसपास के भी बच्चे प्रशिक्षण लेते हैं. नगला गोसाई की प्रधान ने पंचायत निधि से महज दो लाख रुपये में स्मार्ट क्लास रूम तैयार किया है.
कुछ दिन पहले बनवाई थी शूटिंग रेंजः बता दें कि ग्राम प्रधान सरिता देवी ने कुछ दिनों पहले ही पंचायती राज विभाग के सहयोग से ग्राम पंचायत की जमीन पर 10 मीटर एयर पिस्टल, एयर राइफल शूटिंग रेंज बनवाया था. इस शूटिंग रेंज में एक साथ 6 लोग प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं. इस शूटिंग रेंज में जो भी निशानेबाजी सीखने आएंगे, उनसे तीन सौ रूपये प्रतिमाह की फीस ली जाती है. जो बच्चे गरीबी रेखा से नीचे हैं, उनसे कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा.
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