सीहोर: बुधनी तहसील के ग्राम जर्रापुर में रविवार को नाथ संप्रदाय के संत समारोह का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव शामिल हुए. यहां उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "दुनिया के सभी देश भारत की सनातन संस्कृति को समझने की जिज्ञासा रखते है. भारत को जानने के लिए भारत में प्राचीन काल से चली आ रही सनातन संस्कृति को जानना आवश्यक है." वहीं कार्यक्रम में शामिल संतों की मांग पर मोहन यादव ने ग्राम जर्रापुर में नर्मदा तट पर घाट बनाने की घोषणा की है.
सीएम ने पीएम मोदी की तारीफ की
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि "पीएम मोदी के नेतृत्व में अब विदेशी मेहमान भारत आते हैं, तो हम उन्हें ताजमहल नहीं, बल्कि गीता, रामायण और महाभारत जैसे पवित्र ग्रंथ देते हैं, जो हमारी सनातन संस्कृति और मूल्यों का वास्तविक परिचय कराते हैं. प्रधानमंत्री ने प्राचीन काल से चली आ रही भारत की योग परंपरा को संयुक्त राष्ट्र संघ में स्थापित किया है.'' उन्होंने कहा कि, ''नाथ संप्रदाय ने दुनिया को योग का वास्तविक अर्थ समझाया है. आदि गुरु गोरखनाथ के मार्गदर्शन में योग के विश्व में सर्वाधिक प्रसार में नाथ संप्रदाय का प्रमुख योगदान है."
ताजमहल को लेकर मोहन यादव ने कही बड़ी बात (ETV Bharat) 'पूरी दुनिया में बढ़ रहा भारत का वर्चस्व'
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि "प्रचीन काल से ही विश्व में अनेकों संस्कृतियां रही हैं, पर समय के साथ अनेकों संस्कृतियां ध्वस्त हो गईं, पर सनातन संस्कृति अपनी मानव कल्याण की भावना के साथ सदैव आगे बढ़ती रही है.'' उन्होंने कहा कि, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत का वर्चस्व पूरी दुनिया में बढ़ रहा है. जब हमारे देश में विदेश से कोई अतिथि आते हैं तो वह भी हमारे भारत की संस्कृति से बहुत प्रभावित होते हैं."
सीएम ने मानी संतों की मांग
उन्होंने कहा कि, ''रामायण, महाभारत, श्रीमद्भागवत गीता हमारे भारत की सनातन संस्कृति के पवित्र ग्रंथ हैं. हमें इनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करना चाहिए. यह ग्रंथ हमारे भारत में प्राचीन काल से प्रचलित सनातन संस्कृति की पहचान है.'' वहीं मंच पर बैठे संतों द्वारा बुधनी में नर्मदा के किनारे घाट के निर्माण कराने की मांग की गई. जिसको स्वीकार करते हुए सीएम ने बुधनी के गांव जर्रापुर में नर्मदा के किनारे घाट बनवाने की घोषणा की.
मोहन यादव ने कहा, ''सरकार साधु संतों की सेवा में निरंतर तत्पर है. उनकी आवश्यकतानुसार उज्जैन में भी उनके लिए सरकार द्वारा आश्रम उपलब्ध कराया जाएगा.'' इस अवसर पर महंत पीर पारसनाथ, योगी पीर बालकनाथ और उमेशनाथ ने भी संबोधित किया.