उदयपुर. जिले की प्रभारी सचिव तथा खान एवं पेट्रोलियम विभाग की शासन सचिव आनंदी ने उदयपुर में कहा कि भीषण गर्मी के दौर में किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. अधिकारी लगातार फील्ड में रहते हुए यह सुनिश्चित करें कि गर्मी से कोई आहत और हताहत नहीं हों. बिजली, पानी और चिकित्सा संबंधी व्यवस्थाएं चाक चौबंद रहे.
प्रभारी सचिव डीओआईटी सभागार में जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रही थी. उन्होंने कहा कि तेज गर्मी के चलते बिजली-पानी की कमी रह सकती है, लेकिन यदि अधिकारी कुशल प्रबंधन करते हुए लगातार मॉनिटरिंग करें तो किसी प्रकार की समस्या नहीं आनी चाहिए.उपलब्ध संसाधनों का बेहतर से बेहतर इस्तेमाल करते हुए आमजन एवं जीव मात्र को राहत प्रदान करें.
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जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल की उपस्थिति में हुई बैठक में प्रभारी सचिव ने विभाग वार कार्यों की समीक्षा करते हुए जरूरी दिशा-निर्देश दिए. प्रारंभ में जिला कलक्टर पोसवाल ने उदयपुर जिले में पेयजल और बिजली की उपलब्धता और वितरण, अधिकारियों की ओर से किए गए निरीक्षण, फील्ड से मिले फीडबैक और उसके अनुरूप किए गए प्रयासों आदि की संक्षिप्त जानकारी दी. उन्होंने कहा कि फिलहाल उदयपुर जिले में पेयजल को लेकर बहुत अधिक समस्या नहीं है, कहीं-कहीं छोटी-मोटी शिकायत आती है तो उसका त्वरित निस्तारण किया जा रहा है.
रेस्पॉन्स टाइम को कम करें:प्रभारी सचिव ने जलदाय विभाग की जलापूर्ति व्यवस्था की विस्तृत जानकारी ली. इसमें उन्होंने टैंकरों से हो रही जलापूर्ति की मात्रा और गुणवत्ता आदि की मॉनिटरिंग नियमित रूप से कराने, नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त होने वाले शिकायतों की प्रकृति और उनके गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के निर्देश दिए. उन्होंने पेयजल पाइप लाइन टूटने या अन्य कोई तकनीकी समस्या आने पर रेस्पॉन्स टाइम को लेकर भी सवाल-जवाब किए. विभाग के अधिशासी अभियंता ललित नागौरी ने कहा कि उदयपुर शहरी क्षेत्र में 2 से 4 घंटे में तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 24 से 48 घंटों में शिकायतों का निपटारा कर दिया जाता है. इस पर प्रभारी सचिव ने ग्रामीण क्षेत्रों में भी रेस्पॉन्स टाइम को कम करने की हिदायत दी. साथ ही सभी एसडीएम और तहसीलदार आदि को भी निरीक्षण के दौरान रेस्पॉन्स टाइम का फीडबैक लेने के निर्देश दिए. प्रभारी सचिव ने कोटड़ा और जिले अन्य जनजाति क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति के बारे में जानकारी ली और कहा कि हैंडपंप लगाने की त्वरित व्यवस्था की जानी चाहिए. उन्होंने जिला कलक्टर को इसकी मॉनिटरिंग कर रिपोर्ट देने को कहा.
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अधिकारियों से पूछे हीटवेव के लक्षण: चिकित्सा विभाग की समीक्षा के दौरान प्रभारी सचिव ने जिला अधिकारियों और वीसी से जुड़े ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों से हीटवेव के लक्षण पूछे, साथ ही हीटवेव की दवाओं के बारे में भी जानकारी ली. सीएमएचओ डॉ शंकर बामणिया ने हीटवेव के लक्षण बताते हुए कहा कि इसमें व्यक्ति को डिहाइड्रेशन होता है. ब्लड प्रेशर कम होने से जी घबराने, चक्कर आने और बुखार की शिकायत रहती है. इस पर प्रभारी सचिव ने सभी अधिकारियों को इन लक्षणों के प्रति जागरूक रहते हुए आमजन तक संदेश पहुंचाने के निर्देश दिए.
अस्पतालों में पानी व कूलिंग की व्यवस्था हो:बैठक में उन्होंने जिला अस्पताल से लेकर सब सेन्टर स्तर तक सभी चिकित्सा संस्थानों में पेयजल, कूलिंग और जरूरी दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने जिले में मलेरिया, डेंगू आदि की स्थिति की समीक्षा करते हुए जांच सुविधा व दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा.