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अच्छी खबर : सरकार घुमंतू समाज को देगी निशुल्क भूखंड, मंत्री दिलावर बोले, हर व्यक्ति को घर में रहने का अधिकार - Plots to Nomadic Community

राज्य की भजन लाल सरकार घुमंतू समाज को निशुल्क भूखंड देने जा रही है. पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि हर व्यक्ति को घर में रहने का अधिकार है. सरकार 34 हजार घुमन्तु परिवार को शिविर लगा कर भूखंडों का पट्टा देगी. शिविर का शुभारंभ दो अक्टूबर को मुख्यमंत्री भजन लाल करेंगे.

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मंत्री दिलावर बोले, सरकार घुमंतू समाज को देगी निशुल्क भूखंड (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 18, 2024, 9:10 PM IST

मंत्री दिलावर बोले, सरकार घुमंतू समाज को देगी निशुल्क भूखंड (Photo ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान में अब घुमंतू समाज के अच्छे दिन आने वाले हैं. इस समाज के लोगों का अब अपने घर का सपना साकार होने जा रहा है. राजस्थान सरकार ने इस समाज को अब एक जगह रहने के लिए जमीन देने की तैयारी कर ली है. इसके लिए 34 हजार लोगों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. उन्हें 2 अक्टूबर से शिविर के जरिए पट्टे देने की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा इस शिविर का शुभारम्भ करेंगे. सरकार ने घुमंतू समाज की 32 जातियों के शादीशुदा परिवार को एक इकाई माना है.

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जाति के 34 हजार परिवार चिह्नित किए गए हैं. चिन्हीकरण का कार्य फिलहाल जारी है. अब तक चिह्नित किए गए लोगों को 2 अक्टूबर को पट्टे दिए जाएंगे. दिलावर ने कहा कि पूरी जनसंख्या के 6 से 8 प्रतिशत विमुक्त,घुमंतू अर्द्ध घुमंतू जाति के लोग हैं. ये लोग एक जगह पर निवास नहीं करते.

पढ़ें: मंत्री मदन दिलावर बोले- अकबर आतंकवादी था, आक्रांता था, महाराणा प्रताप से उसकी तुलना हो ही नहीं सकती

दिलावर ने बताया किअधिकांश के पास पहचान पत्र भी नहीं है, इसलिए इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. इनके उत्थान के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी 32 जातियों के व्यक्तियों को 2 अक्टूबर तक निशुल्क भूखंड उपलब्ध करवाएंगे, ताकि ऐसे गरीब लोगों को भी अपना आशियाना बनाने का मौका मिल सके.

बेचा नहीं जा सकेगा भूखंड: मंत्री मदन दिलावर ने परिवार की परिभाषा के बारे में कहा कि 21 वर्ष से छोटा यदि अविवाहित है तो उसके माता- पिता सहित सब एक परिवार होगा और 21 वर्ष से बड़ा हो तथा शादीशुदा हो तो एक परिवार माना जाएगा. चाहे वे एक ही चूल्हे पर भोजन करते हों. जाति प्रमाणपत्र के बारे में कहा कि इसमें संशोधन करने के लिए प्रोफॉर्मा दिया गया है, जिसे तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने के बाद जाति प्रमाणपत्र के बजाय जाति पहचान प्रमाणपत्र दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अधिकतम 300 वर्ग मीटर का पट्टा दिया जाएगा, पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहेगा कि लगभग सभी को निःशुल्क पट्टा मिले.

मंत्री दिलावर बोले, सरकार घुमंतू समाज को देगी निशुल्क भूखंड (Photo ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजस्थान में अब घुमंतू समाज के अच्छे दिन आने वाले हैं. इस समाज के लोगों का अब अपने घर का सपना साकार होने जा रहा है. राजस्थान सरकार ने इस समाज को अब एक जगह रहने के लिए जमीन देने की तैयारी कर ली है. इसके लिए 34 हजार लोगों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं. उन्हें 2 अक्टूबर से शिविर के जरिए पट्टे देने की शुरुआत होगी. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा इस शिविर का शुभारम्भ करेंगे. सरकार ने घुमंतू समाज की 32 जातियों के शादीशुदा परिवार को एक इकाई माना है.

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि विमुक्त, घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जाति के 34 हजार परिवार चिह्नित किए गए हैं. चिन्हीकरण का कार्य फिलहाल जारी है. अब तक चिह्नित किए गए लोगों को 2 अक्टूबर को पट्टे दिए जाएंगे. दिलावर ने कहा कि पूरी जनसंख्या के 6 से 8 प्रतिशत विमुक्त,घुमंतू अर्द्ध घुमंतू जाति के लोग हैं. ये लोग एक जगह पर निवास नहीं करते.

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दिलावर ने बताया किअधिकांश के पास पहचान पत्र भी नहीं है, इसलिए इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. इनके उत्थान के लिए मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सभी 32 जातियों के व्यक्तियों को 2 अक्टूबर तक निशुल्क भूखंड उपलब्ध करवाएंगे, ताकि ऐसे गरीब लोगों को भी अपना आशियाना बनाने का मौका मिल सके.

बेचा नहीं जा सकेगा भूखंड: मंत्री मदन दिलावर ने परिवार की परिभाषा के बारे में कहा कि 21 वर्ष से छोटा यदि अविवाहित है तो उसके माता- पिता सहित सब एक परिवार होगा और 21 वर्ष से बड़ा हो तथा शादीशुदा हो तो एक परिवार माना जाएगा. चाहे वे एक ही चूल्हे पर भोजन करते हों. जाति प्रमाणपत्र के बारे में कहा कि इसमें संशोधन करने के लिए प्रोफॉर्मा दिया गया है, जिसे तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने के बाद जाति प्रमाणपत्र के बजाय जाति पहचान प्रमाणपत्र दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि अधिकतम 300 वर्ग मीटर का पट्टा दिया जाएगा, पट्टे पर लाल स्याही से लिखा जाएगा कि यह खरीदने-बेचने के लिए नहीं है. उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास रहेगा कि लगभग सभी को निःशुल्क पट्टा मिले.

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