मंडी:आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस के नुकसान से पर्यावरण को बचाने के लिए बायोडिग्रेडेबल प्राकृतिक फाइबर युक्त नया कंपोजिट मटेरियल तैयार किया है. इसका इस्तेमाल अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिब्बों, हवाई जहाजों में सामान रखने और ड्रोन तकनीक में होगा. आईआईटी मंडी और फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने मिलकर इसे तैयार किया है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक यह प्राकृतिक रेशों से बना ऐसा मटेरियल है जो खुद नष्ट हो जाता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है. इन्हें कई तरह के कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है. खासतौर पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस यानी बिजली के दखल को रोकने में यह काफी फायदेमंद साबित होगा. आसान भाषा में समझें तो बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होने से एक तरह का प्रदूषण पैदा होता है, जिसे विद्युत चुंबकीय दखल (ईएमआई) कहते हैं. यह विद्युत चुंबकीय दखल रडार, मिलिट्री उपकरणों और इंटरनेट डिवाइस को खराब कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इस दखल से बचाने के लिए ईएमआई रोधक पदार्थों की जरूरत होती है और यही काम अब ब्लेंडेड कंपोजिट मटेरियल करेगा.
आईआईटी मंडी और फिनलैंड के वीटीटी रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर यह मटेरियल बनाए हैं. इस टीम का नेतृत्व आईआईटी मंडी के मैकेनिकल और मटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पाठक और डॉ. सनी जफर कर रहे हैं. साथ में आईआईटी मंडी के रिसर्च स्कॉलर आदित्य प्रताप सिंह और फिनलैंड के वीटीटीटी रिसर्च सेंटर के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. सिद्धार्थ सुमन भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.