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IIT मंडी और फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने बनाया नया कम्पोजिट मटेरियल, पर्यावरण को नुकसान से बचाने में होगा मददगार - IIT Mandi new invention - IIT MANDI NEW INVENTION

आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस के नुकसान से पर्यावरण को बचाने के लिए बायोडिग्रेडेबल प्राकृतिक फाइबर युक्त नया कम्पोजिट मटेरियल तैयार किया है. प्राकृतिक रेशों से बना ऐसा मटेरियल है जो खुद नष्ट हो जाता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है. आईआईटी मंडी और फिनलैंड के वीटीटी रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर यह मटेरियल बनाए हैं. इस टीम का नेतृत्व आईआईटी मंडी के मैकेनिकल और मटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पाठक और डॉ. सनी जफर कर रहे हैं.

IIT Mandi new invention
आईआईटी मंडी के प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 5:06 PM IST

Updated : May 17, 2024, 11:08 PM IST

IIT मंडी और फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने बनाया नया कम्पोजिट मटेरियल (ईटीवी भारत)

मंडी:आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस के नुकसान से पर्यावरण को बचाने के लिए बायोडिग्रेडेबल प्राकृतिक फाइबर युक्त नया कंपोजिट मटेरियल तैयार किया है. इसका इस्तेमाल अधिकतर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिब्बों, हवाई जहाजों में सामान रखने और ड्रोन तकनीक में होगा. आईआईटी मंडी और फिनलैंड के वैज्ञानिकों ने मिलकर इसे तैयार किया है.

वैज्ञानिकों के मुताबिक यह प्राकृतिक रेशों से बना ऐसा मटेरियल है जो खुद नष्ट हो जाता है और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाता है. इन्हें कई तरह के कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है. खासतौर पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस यानी बिजली के दखल को रोकने में यह काफी फायदेमंद साबित होगा. आसान भाषा में समझें तो बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होने से एक तरह का प्रदूषण पैदा होता है, जिसे विद्युत चुंबकीय दखल (ईएमआई) कहते हैं. यह विद्युत चुंबकीय दखल रडार, मिलिट्री उपकरणों और इंटरनेट डिवाइस को खराब कर सकती है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इस दखल से बचाने के लिए ईएमआई रोधक पदार्थों की जरूरत होती है और यही काम अब ब्लेंडेड कंपोजिट मटेरियल करेगा.

आईआईटी मंडी और फिनलैंड के वीटीटी रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मिलकर यह मटेरियल बनाए हैं. इस टीम का नेतृत्व आईआईटी मंडी के मैकेनिकल और मटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पाठक और डॉ. सनी जफर कर रहे हैं. साथ में आईआईटी मंडी के रिसर्च स्कॉलर आदित्य प्रताप सिंह और फिनलैंड के वीटीटीटी रिसर्च सेंटर के रिसर्च साइंटिस्ट डॉ. सिद्धार्थ सुमन भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.

इस बारे में आईआईटी मंडी में स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मटेरियल इंजीनियरिंग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. हिमांशु पाठक और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सनी जफर ने बताया 'इस नए कम्पोजिट में बहुत सी संभावनाएं हैं. इसका असल जिंदगी में कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिब्बों से लेकर हवाई जहाज में सामान रखने की जगहों पर और ड्रोन तक में किया जा सकता है. यह आज के जमाने की चुनौतियों को हल करने में और पर्यावरण की रक्षा करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है.'

इस तरह बनाया कम्पोजिट मटेरियल:इस मटेरियल में केनॉफ फाइबर के तंतु और उच्च-घनत्व वाली पॉलिथीन शामिल की गई है. केनॉफ फाइबर एक प्राकृतिक तंतु है, जो मजबूत और हल्का होता है, इसलिए यह कम्पोजिट को मजबूती देने का बेहतरीन काम करता है. इससे बनी चीजें अधिक मजबूत होती हैं और पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाती हैं. वैज्ञानिकों ने इस कम्पोजिट में कार्बन नैनोट्यूब्स का भी इस्तेमाल किया है, ताकि यह बिजली का सुचालक बन जाए.

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Last Updated : May 17, 2024, 11:08 PM IST

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