उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

ज्ञानवापी में वजूखाने के साइंटिफिक सर्वे की मांग, हाईकोर्ट में सुनवाई 21 नवंबर को - GYANVAPI VAJU KHANA CASE

याची राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अस्वस्थ होने के कारण सुनवाई स्थगित. हिन्दू पक्ष ने महत्वपूर्ण तस्वीरें और कागजात दाखिल किए.

Photo Credit- ETV Bharat
इलाहाबाद हाईकोर्ट में ज्ञानवापी मामले की सुनवाई (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 8, 2024, 7:55 PM IST

प्रयागराज:वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित वजूखाने के साइंटिफिक सर्वे की मांग में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर अधिवक्ता के अस्वस्थ होने के कारण शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए अब 21 नवंबर की तारीख लगाई है. याची राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के अस्वस्थ होने के कारण सुनवाई स्थगित की गई. हालांकि हिन्दू पक्ष की ओर से महत्वपूर्ण तस्वीरें और कागजात पूरक शपथपत्र के साथ दाखिल किए गए.

गौरतलब है की गत 22 अक्टूबर को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने पूछा था कि किस भाग का सर्वे चाहते हैं और कितना क्षेत्र है इसे स्पष्ट किया जाए. याचिका के माध्यम से वजूखाने स्थित शिवलिंग आकृति छोड़कर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से अन्य सुरक्षित और संरक्षित क्षेत्र का बगैर नुकसान पहुंचाए सर्वे कराने की मांग की गई है. कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 19 मई 2023 के आदेश से केवल शिवलिंग आकृति के सर्वे पर रोक लगाई गई है न की पूरे वजुखाना की.

हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव नगर विकास को नोटिस जारी कर मांगा जवाब
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश का पालन न करने पर प्रमुख सचिव नगर विकास लखनऊ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायालय ने कहा कि दो दिसंबर तक आदेश का पालन कर हलफनामा दाखिल करें या हाजिर हों. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत ने हरि गोविंद प्रसाद की अवमानना अर्जी पर दिया है. नगर निगम कानुपर में याची अधिशासी अभियंता (विद्युत यांत्रिक) के पद से सेवानिवृत्त हुआ है. याची को सेलेक्शन ग्रेड, प्रोन्नत वेतनमान व तीनों एसीपी के लाभों को नहीं दिया गया. इसके विरुद्ध याची ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की.

न्यायालय ने प्रमुख सचिव नगर विकास को एक माह के अंदर याची के प्रत्यावेदन का निस्तारण करने का आदेश दिया. इसका पालन नहीं करने पर याची ने अवमानना का वाद दाखिल किया. याची के वकील रामकुमार सिन्हा ने दलील दी की हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया गया है. इसलिए अवमानना कार्रवाई की जाए. इस पर न्यायालय ने प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 2 दिसंबर 2024 को नियत है.

ये भी पढ़ें-10 रुपये के स्टांप पेपर पर छापते थे 500 रुपये के नकली नोट; YouTube से सीखा तरीका, दो अरेस्ट

ABOUT THE AUTHOR

...view details