लखनऊ: यूपी विधानसभा के मानसून सत्र में विधानमंडल के दोनों सदनों में कैग रिपोर्ट पेश की गई. इसमें वन विभाग के घोटाले का राजफाश हुआ है. विभाग के अफसरों ने पौधे लगाने के लिए अपनी जेब को जमकर सींचा है. वन विभाग में पौधरोपण को लेकर कैग रिपोर्ट ने वन विभाग की परतें उधेड़ी हैं.
वन विभाग ने पौधरोपण के लिए जेसीबी और ट्रैक्टर की जगह स्कूटर, बाइक और ई-रिक्शा से पौधों को ढुलाई करवाई. इनसे ही पौधों के लिए गड्ढे खोदे गए और जमीन समतल की गई, जबकि वाउचर जेसीबी और ट्रैक्टर के लगा दिए गए.
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की जांच में ये भी सामने आया है कि जिन वाहन नंबरों को जेसीबी और ट्रैक्टर का बताया गया, वे स्कूटर, बाइक और ई-रिक्शा के थे. रिपोर्ट में पौधरोपण पर भारी खर्च करने के बावजूद फॉरेस्ट कवर कम होने की बात भी है.
रिपोर्ट में 2015-16 से 2021- 22 तक के काम का ऑडिट किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक ग्राम्य विकास विभाग ने बिना कार्ययोजना के ही पौधरोपण किया. 22 जिलों की जांच की गई तो इसमें पाया गया कि 20 जिलों में कार्ययोजना तैयार नहीं की.