श्रावणी मेला की तैयारी (ETV Bharat) पटना: कुछ ही दिनों में शिव भक्तों का सबसे प्रिय महीना शुरू हो जाएगा. इस मौके पर श्रावणी मेले का भी 22 जुलाई से आयोजन हो रहा है.श्रावणी मेला को लेकर बिहार सरकार ने भी कमर कस ली है. बिहार में 13 जिलों में श्रावणी मेला का आयोजन होगा. मुख्य सचिव के स्तर पर भी राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार सिंह के साथ 13 जिलों के डीएम, एडीएम समेत अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक हो चुकी है.
यहां जानें पहले सोमवार की तारीख: 13 जिलों में डीएम स्तर पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी बैठक कर मेला को सफल बनाने की तैयारी करने में लग गये हैं. यूपी में हाथरस की घटना को लेकर भी बिहार सरकार सतर्क है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा है कि सभी को समय पर काम पूरा करने और अलर्ट रहने का निर्देश दिया गया है. 22 जुलाई दिन सोमवार से सावन मास का आरंभ हो रहा है और इस दिन सावन के पहले सोमवार का व्रत भी किया जाएगा.
15 जुलाई तक पूरी हो तैयारी: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार सिंह ने जानकारी दी है कि श्रावणी मेला की तैयारियां जोरों से चल रही है. 22 जुलाई से श्रावणी मेला शुरू हो रहा है तो 15 जुलाई तक तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए कहा गया है. दीपक कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के सुल्तानगंज से लोग जल भरकर बाबा बैजनाथ धाम देवघर तक जाते हैं और इस मार्ग में बिहार में बांका, भागलपुर , मुंगेर, लखीसराय, जमुई जिला आते हैं तो यहां के डीएम को विशेष रूप से तैयारी करने का निर्देश दिया गया है.
यहां होता है श्रावणी मेला का आयोजन:मुजफ्फरपुर में दो स्थान बाबा गरीब नाथ और बाबा दूधनाथ मंदिर परिसर, पूर्वी चंपारण के अरेराज स्थित शिव मंदिर परिसर, हाजीपुर सोनपुर के पहलेजा घाट बाबा हरिहरनाथ शिव मंदिर, पूर्णिया का धीमेश्वर स्थान मंदिर, बेगूसराय का बाबा हरि गिरी धाम स्थान, मधुबनी में भैरव श्रावणी मेला और जहानाबाद में वाणावर श्रावणी मेला का आयोजन होता है.
भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती: संबंधित जिलों में होने वाले श्रावणी मेला के आयोजन को लेकर डीएम को विशेष रूप से निर्देश दिया गया है. जिसमें जहां मेला लगता है पूरे मंदिर परिसर में और जहां से श्रद्धालु जल भरकर जाते हैं, उसे चिन्हित करने के लिए कहा गया है. दोनों स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा गया. पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती करने के लिए भी कहा गया है.
कई सुविधाएं होंगी मुहैया: किसी स्थान पर भगदड़ या आपाधापी की स्थिति नहीं हो इसके लिए समुचित अनाउंसमेंट सिस्टम, कंट्रोल रूम समेत उन सभी उपाय करने के लिए भी निर्देश दिया गया है. समुचित लाइटिंग, शौचालय, भोजन कावंरियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थल समेत अन्य सुविधा भी मुहैया समय पर करने के लिए कहा है. साथ ही पीने का पानी के लिए वाटर एटीएम की व्यवस्था और अन्य कार्यों के लिए टैंकर में पानी की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है.
दूसरे लेने की व्यवस्था: जल लेकर जाने वाले श्रद्धालुओं और कावंरियों के लिए मुख्य सड़क के बगल में गंगा बालू बिछाकर पाथवे बनाने में बालू की मात्रा उचित, जहां एन एच से होकर गुजरने का रास्ता है, वहां उनके गुजरने के दौरान एक लेने को बंद करके दूसरे लेने में ही आने-जाने की व्यवस्था करने का विशेष निर्देश दिया गया है. कहीं सड़क जाम नहीं हो इसके लिए स्थानीय लोगों की भी मदद लेने का निर्देश दिया गया है. साथ ही कावंरियां पथ पर बिजली की आपूर्ति निर्वाध व्यवस्था की जाएगी.
भगदड़ ना हो इसके लिए विशेष इंतजाम: अभी पिछले दिनों यूपी में जिस प्रकार से हाथरस में भगदड़ की घटना में कई लोगों की जान गई है उसको लेकर भी विशेष रूप से एहतियात बरता जा रहा है. खासकर उन स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर भी अधिक होने की संभावना होगी. भागलपुर के प्रभारी मंत्री संतोष कुमार सिंह ने भी पिछले दिनों भागलपुर का दौरा किया था और तैयारी का जायजा भी लिया था.
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