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सावित्री जिंदल ने राजनीति में बना दिया नया रिकॉर्ड, 20 साल बाद ऐसा करने वाली चौथी महिला

देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने हरियाणा की राजनीति में एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. ये कारनामा 20 साल बाद हुआ है.

SAVITRI JINDAL MADE RECORD
सावित्री जिंदल (Photo- @SavitriJindal_ X)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 14, 2024, 6:04 PM IST

Updated : Oct 14, 2024, 9:28 PM IST

चंडीगढ़: हिसार से निर्दलीय विधायक बनीं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने राजनीति में भी एक नया रिकॉर्ड बना दिया है. सावित्री जिंदल हरियाणा विधानसभा चुनाव के इतिहास में निर्दलीय विधायक बनने वाली चौधी महिला बन गई हैं. हरियाणा के चुनाव में 20 साल बाद कोई महिला निर्दलीय जीतकर विधानसभा की सदस्य बनी है.

सावित्री जिंदल से पहले 3 महिला बनीं निर्दलीय विधायक

सावित्री जिंदल से पहले 1982 विधानसभा चुनाव में पहली बार कोई महिला निर्दलीय चुनाव जीती थीं. ये विधायक थीं शारदा रानी, जो फरीदाबाद की बल्लभगढ़ सीट से विजयी हुईं थी. उसके बाद 1987 के चुनाव में झज्जर से मेधवी निर्दलीय विधायक बनीं. वहीं आखिरी बार 20 साल पहले 2005 विधानसभा चुनाव में बावल से शकुंतला भगवाड़िया निर्दलीय विधायक बनीं थी. अब 20 साल बाद सावित्री जिंदल निर्दलीय विधायक बनने वाली हरियाणा की चौथी महिला हैं. सावित्री जिंदल इससे पहले दो बार विधायक बन चुकी हैं लेकिन दोनो बार वो कांग्रेस के टिकट पर जीती थीं.

2005 में पहली बार विधायक बनीं सावित्री जिंदल

सावित्री जिंदल पहली बार 2005 में विधायक बनीं थी. इस साल उनके पति और हिसार से विधायक रहे मशहूर उद्योगपति ओपी जिंदल का प्लेन क्रैश में निधन हो गया था. जिसके बाद हिसार सीट पर हुए उपचुनाव में सावित्री जिंदल एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीती थीं. भूपेंद्र हुड्डा सरकार में उन्हें मंत्री बनाया गया. 2009 में वो दूसरी बार हिसार से कांग्रेस की विधायक बनीं और फिर से सरकार में उन्हें मंत्री पद दिया गया. अब 15 साल बाद सावित्री जिंदल तीसरी बार विधायक बनी हैं और बीजेपी सरकार में मंत्री बनने की प्रबल दावेदार हैं.

2024 में बीजेपी से बगावत करके बनीं निर्दलीय विधायक

2024 के विधानसभा चुनाव में सावित्री जिंदल ने हिसार विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास रारा को हराकर जीत हासिल की है. वो लोकसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. जिसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. और कांग्रेस के रामनिवास रारा को 18 हजार 941 वोट से हरारकर विधायक बनीं. बीजेपी प्रत्याशी कमल गुप्ता तीसरे नंबर पर रहे.

हरियाणा में पहली बार सबसे कम निर्दलीय विधायक

हरियाणा विधानसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार 5 से कम निर्दलीय विधायक जीते हैं. इस चुनाव में केवल तीन निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा के सदस्य बन पाये हैं. इनमें हिसार से बीजेपी की बागी सावित्री जिंदल, बहादुरगढ़ से कांग्रेस के बागी राजेश जून, और सोनीपत की गन्नौर सीट से बीजेपी से बगावत करके चुनाव लड़े देवेंद्र कादयान शामिल हैं. हरियाणा का गठन 1966 में हुआ था, तब से आज तक कम से कम 5 निर्दलीय विधायक जरूर जीते हैं.

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Last Updated : Oct 14, 2024, 9:28 PM IST

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