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सतुआनी आज, इस दिन सत्तू खाने और दान का है विशेष महत्व, जानिए क्यों? - satuani 2024 - SATUANI 2024

बिहार के लोग सत्तू का विशेष सेवन करते हैं. गर्मियों में इसका शरबत बनाकर पीते हैं. इसे खाते भी हैं. इससे लिट्टी और भरकर रोटी भी बनायी जाती है. क्या आप जानते हैं बिहार में एक पर्व ऐसे भी जहां भगवान को सत्तू का भोग लगाया जाता है. सत्तू का त्योहार यानी सतुआनी हर साल 14 अप्रैल को नई फसल कटने की खुशी में मनाया जाता है. सत्तू और आम का टिकोला (छोटे कच्चे आम) खाते हैं. पढ़ें, विस्तार से.

सतुआनी
सतुआनी

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Apr 14, 2024, 5:36 AM IST

सतुआनी पर्व क्यों मनाया जाता है.

पटना: सत्तू का पर्व यानी सतुआनी आज 14 अप्रैल रविवार को पूरे बिहार में मनाया जाएगा. हर साल 14 अप्रैल को नई फसल काटने की खुशी में सत्तू और आम का टिकोला का चटनी खाने की परंपरा है. इस दिन भगवान को सत्तू का भोग लगाया जाता है, फिर उसे प्रसाद के रूप में खाते हैं. सतुआनी पर्व क्यों मनाया जाता है इसके पीछे की कहानी क्या है, जानते हैं.

"इस वर्ष सूर्य का मीन राशि से मेष राशि में गोचर 13 अप्रैल को ऋषिकेश पंचांग के अनुसार रात्रि में 11:17 मिनट पर हो रहा है इसी समय खरमास की समाप्ति हो जाएगी. अगले दिन यानी 14 अप्रैल को मेष संक्रांति का पूर्ण काल होगा, इसलिए सतुआन का पवित्र पावन पर्व 14 अप्रैल को मनाया जाएगा."- पंडित डॉक्टर श्रीपति त्रिपाठी

ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता: आचार्य श्रीपति ने कहा कि इस दिन का विशेष महत्व माना गया है. इस दिन सूर्य राशि परिवर्तित करती है. इस दिन से ग्रीष्म ऋतु का आगमन हो जाता है. सतुआनी के दिन सत्तू खाने की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. यह पर्व गर्मी के मौसम का स्वागत करता है. इस पर्व में प्रसाद के रूप में सत्तू खाने का महत्व है, इसलिए इसका नाम सतुआन है.

क्या है परंपराः इस दिन लोग अपने देवी देवता को मिट्टी के घड़े में पानी, गेहूं, जौ, चना और मक्के का सत्तू आम का टिकोला रखते हैं. भगवान को भोग लगाते हैं. फिर प्रसाद के रूप में घर के सभी सदस्य सत्तू आम का टिकोला का चटनी खाते हैं. इस दिन लोग सुबह गंगा में स्नान करके मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं. वैज्ञानिक महत्व के रूप में समक्षें तो गर्मियों में सत्तू खाने स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है. गर्मी के दिनों में इस अमृत कहा जाता है.

स्वास्थ्य के लिए होता फायदेमंदः सत्तू में भरपूर फाइबर होता है. सत्तू का शरबत नियमित पीने से पाचन में भी सुधार होता है. एसिडिटी और गैस की समस्या से भी राहत मिलती है. सत्तू एक डिटॉक्सिफाइंग एजेंट है जो आपके आंतों से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है. बिहार में गर्मियों में सत्तू का शरबत विशेष स्टॉल लगाकर बेचा जाता है.

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