बीकानेर.श्राद्ध पक्ष की अमावस्या बुधवार को है हालांकि, इस दिन सूर्य ग्रहण को लेकर भी लोगों में भ्रांतियां है, लेकिन सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका कोई असर नहीं होगा. ऐसे में पितृ अमावस्या के सारे कार्य किए जा सकेंगे.
भारत में सूर्य ग्रहण नहीं : पंडित राजेंद्र किराडू बताते हैं कि 2 अक्टूबर को अश्विन पक्ष कृष्ण अमावस्या मध्य रात्रि में सूर्य ग्रहण होगा. यह ग्रहण दुनिया के दूसरे देशों में दिखाई देगा लेकिन भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.
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अमावस्या श्राद्ध का महत्व :किराडू कहते हैं कि वैसे तो अपने पूर्वजों का श्राद्ध तिथि पर ही करनी चाहिए, लेकिन यदि किसी को तिथि याद नहीं है तो वो अमावस्या के दिन पितृ शांति के लिए श्राद्ध कर सकता है. श्राद्ध की गणना श्राद्ध पक्ष में आने वाली तिथियां के अनुसार उस प्राणी की मृत्यु तिथि से माना जाता है. यदि किसी परिजन को अपने पूर्वजों की श्राद्ध तिथि ज्ञात नहीं है तो उसका श्राद्ध अमावस्या को किए जाने का शास्त्रों में वर्णन किया गया है. अमावस्या को किया जाने वाला श्राद्ध वैसे तो अमावस्या तिथि के लिए ही है, लेकिन यदि तिथि की जानकारी नहीं है या किसी कारणवश श्राद्ध नहीं कर पाए तो उस स्थिति में इस दिन श्राद्ध का माहात्म्य है.