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90 करोड़ से बदल गया बनारस का सारनाथ, अब नए कलेवर में आएगा नजर, पर्यटकों को मिलेगी ये सुविधा - HI TECH SARNATH

विश्वनाथ धाम के तर्ज पर 90 करोड़ की लागत से हाईटेक सारनाथ कॉरिडोर बनाया गया. अब एक नए कलेवर में नजर आएगा सारनाथ.

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बनारस का सारनाथ अब नए कलेवर में (photo credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 16, 2024, 7:11 AM IST

वाराणसी:अगर आप वाराणसी घूमने के लिए आना चाहते हैं और यहां के पर्यटन स्थलों का दीदार करना चाहते हैं तो आप एक बार सारनाथ जरूर पहुंचें. वे लोग जो पहले से ही यहां आने का प्लान बना रहे हैं तो उनके लिए भी यह बेहतरीन मौका है. सारनाथ का कायाकल्प कर दिया गया है. अब एक नए कलेवर में आपको सारनाथ दिखने वाला है, जहां आधुनिक पार्किंग की व्यवस्था के साथ ही फसाड लाइटिंग, व्यवस्थित सड़कें और वेंडिंग जोन मिलने वाला है. इतना ही नहीं आपको भारी भीड़ में फंसने की चिंता नहीं करनी है. सबकुछ बदल चुका है.

काशी का पर्यटन कारोबार बीते 10 सालों में तेजी से बढ़ा है. इसकी झलक काशी के मंदिरों और बाजारों में देखने को मिलती है. वहीं काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने बनारस के पर्यटन को जबरदस्त तरीके से बढ़ाने का काम किया है. अब ठीक ऐसे ही बनारस में सारनाथ में काम किया गया है. इसे हाईटेक रूप से तैयार किया जा रहा है. इसके लिए बाकायदा सरकार ने प्रो-पुअर प्रोजेक्ट की शुरुआत की है. इसके अंतर्गत सारनाथ को उच्चतम व्यवस्थाओं के साथ संवारने का काम किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर के अपने दौरे के समय इस प्रोजेक्ट के पहले फेज का लोकार्पण करेंगे.

प्रो-पुअर प्रोजेक्ट से संवर रहा सारनाथ:प्रो-पुअर प्रोजेक्ट के तहत सारनाथ में बने मंदिरों व पुरातात्विक महत्व के स्थलों के आस-पास बुनियादी सुविधाओं को पहले से बेहतर बनाते हुए पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया गया है. पर्यटन विभाग द्वारा सारनाथ के 30 मंदिरों को आकर्षक बनाने के साथ ही वहां साइनेज बोर्ड से लेकर बिजली व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है. यही नहीं, पूरा सारनाथ आधुनिक व्यवस्थाओं के साथ हाईटेक लाइटों से दमकेगा. इसके साथ ही यहां पर पार्किंग और स्पेशल मार्केट की सुविधा तैयार की गई है.

वीडीए ने एजेंसी के रूप में किया काम:पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत कहते हैं, 'सारनाथ एक अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल है. बड़ी संख्या में टूरिस्ट सारनाथ आते हैं. भगवान बुद्ध से जुड़ी चीजों को बौद्धिस्ट देशों से लोग आकर देखते हैं. यहां पर म्यूजियम, स्तूप बड़े पर्यटन स्थल है. इसमें आने वाले पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए वर्ड बैंक से स्पॉन्सर्ड स्कीम 'प्रो-पुअर' के नाम से थी, जिसमें वाराणसी विकास प्राधिकरण एजेंसी के रूप में था. इसी ने सभी कार्य कराए हैं. इसमें इंटरप्रिटेशन वॉल, बेंच, लाइटिंग, सड़क के साथ ही साथ साइनेजेस आदि की व्यवस्था करा दी गई है.'

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एक नए कलेवर में नजर आएगा सारनाथ:वे कहते हैं कि, सारनाथ में ये सभी काम होने के बाद बहुत ही सुंदरता आई है. बड़ी संख्या में इसे देखने के लिए पर्यटक आ भी रहे हैं. यह एक नए कलेवर में है और सारनाथ आने वाले पर्यटकों को लुभा रहा है. इस योजना का आने वाले समय में लोकार्पण भी किया जाएगा. आरके रावत ने बताया कि, इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 90 करोड़ रुपये है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके पहले फेज का उद्घाटन करेंगे. सारनाथ और आस-पास की पुरातात्विक जगहों पर व्यवस्था बेहतर किए जाने से रोजगार से लेकर सामाजिक स्वरूप में भी बदलाव आएगा.

नए कलेवर में नजर आएगा सारनाथ,पर्यटन उपनिदेशक आरके रावत ने दी जानकारी (video credit- etv bharat)
टूरिस्ट फ्रेंडली बन रहा सारनाथ:पर्यटन अधिकारी बताते हैं कि, इस योजना में साउंड लाइट शो, साइनेज की व्यवस्था, लगभग 1.25 करोड़ रुपये में सरफेस पार्किंग की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही, म्यूजियम, ओपन एयर थिएटर पर काम किया गया है. लगभग 90.20 करोड़ की लागत से तैयार इस प्रोजेक्ट के तहत सारनाथ के पूरे क्षेत्र को टूरिस्ट फ्रेंडली बनाया जा रहा है. पर्यटकों के सुविधा केंद्र के अलावा स्थानीय लोगों के व्यापार का ध्यान रखा गया है, जिससे लोग अपना जीवन स्तर और भी बेहतर कर सकें. सारनाथ आने वाले पर्यटकों को क्या मिलने वाला है खास?

पार्किंग के लिए आधुनिक तकनीक की व्यवस्था:सारनाथ आने वाले पर्यटकों को जाम का सामना न करना पड़े इसके लिए वाहन पार्किंग की व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है. इसमें ट्रैवलर के साथ ही टू-व्हीलर, फोर व्हीलर गाड़ियों के लिए अत्याधुनिक व्यवस्था को शामिल किया गया है, जिससे पार्किंग की समस्या न हो. इसके लिए एलिवेटेड पार्किंग के माध्यम से वाहनों को सुरक्षित रखा जा सकेगा.

वेंडिंग के जोन से एक जगह पर खरीदारी:सारनाथ स्थल पर स्थानीय स्तर पर रोजगार की व्यवस्था के लिए खान-पान, हैंडीक्राफ्ट, ODOP, GI टैग उत्पादों आदि के लिए विशेष बाजार का निर्माण इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इससे स्थानीय स्तर पर दुकान चलाने वालों को एक ही जगह पर सुविधाएं मिल जाएंगी. बाजार बन जाने से पर्यटकों को एक ही स्थान से खरीदारी करने में भी सुविधा रहेगी.

बेहतरीन लाइटिंग और सुंदर नाजारा:सारनाथ में पर्यटन विभाग ने लाइटिंग का बेहतरीन काम कराया है. यहां पर फसाड लाइट लगवाने के साथ ही अलग-अलग स्थानों पर विद्युत व्यवस्था ठीक की गई है. जैसे-जैसे शाम होती जाती है सारनाथ का नजारा खूबसूरत होता जाता है. फसाड लाइट के कारण स्तूप आदि की खूबसूरती यहां आने वाले पर्यटकों को खासा आकर्षित करती है.

पर्यटकों के लिए पर्यटक सुविधा केंद्र:सारनाथ आने वाले पर्यटकों की सुविधा का ध्यान रखते हुए यहां पर पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण किया गया है. अगर कोई भी पर्यटक पहली बार सारनाथ घूमने के लिए आता है तो उसे इस केंद्र से जानकारियां मिल जाएंगी.

साउंड एंड लाइट शो:सारनाथ आने वाले पर्यटकों साउंड एंड लाइट शो सबसे आकर्षक लगेगा. इसके माध्यम से भगवान बुद्ध की जीवन कथा को लाइट एवं स्क्रीन के माध्यम से दर्शाया जाता है. शाम के समय चलने वाला यह दृश्य बेहद अलौकिक लगता है.

साइनेज की व्यवस्था:पर्यटकों को सारनाथ आने पर कौन सा स्थान कहां पर है, यह जानने में किसी भी तरह की समस्या का सामना न हो, इसके लिए साइनेज की व्यवस्था की गई है. एक तरीके से यह नेविगेशन का काम करेगा.

ओपन एयर थिएटर और म्यूजियम:सारनाथ आने वाले पर्यटकों के लिए ओपन एयर शिएटर रोमांचकारी होगा. इसके साथ ही म्यूजियम के माध्यम से लोग यहां भगवान बुद्ध की कथाओं को जान और समझ सकेंगे. इसके साथ ही ओपन थिएटर अपने आप में एक नया अनुभव देने वाला होगा.

बुद्धिस्ट थीम पर इंटरप्रिटेशन वॉल:सारनाथ आने वाले पर्यटकों के लिए बुद्धिस्ट थीम पर इंटरप्रिटेशन वॉल तैयार किया गया है. इसके माध्यम से बौद्ध को समझने के साथ ही भगवान बुद्ध की कथाओं का वर्णन मिलेगा. इससे पर्यटक जुड़ाव महसूस कर सकेंगे.

भगवान बुद्ध का उपेदश स्थल:सारनाथ आने वाले पर्यटकों को वह स्थान देखने को मिलेगा जहां पर गौतम बुद्ध ने अपना पहला धर्म उपदेश दिया था. इस उपदेश को धर्म चक्र प्रवर्तन भी कहा जाता है. उनका वर्णन प्रतिमाओं के माध्यम से किया गया है.

सारनाथ में हैं कई बौद्ध से जुड़े कई स्थल:सारनाथ में धमेक स्तूप, चौखंडी स्तूप, और धर्मराजिका स्तूप प्रमुख हैं. यहां बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थों में से एक धमेक स्तूप है. अशोक स्तंभ सारनाथ में ही मौजूद है, जहां से अशोक चक्र लिया गया है. सारनाथ में बौद्ध धर्म के जन्म और विकास का जीवंत प्रमाण भी मिलता है.

हर साल आते हैं लगभग 20 लाख पर्यटक:वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के बनने के बाद से पर्यटकों की संख्या में बड़ा उछाल देखने को मिला है. इसी साल जनवरी से जुलाई की बात करें, तो 5.25 करोड़ से अधिक पर्यटक काशी पहुंचे हैं. ऐसे में वाराणसी आने वाले पर्यटक सारनाथ भी जाते हैं. यह संख्या रोजाना लगभग हजार में पहुंच जाती है. वहीं पूरे साल में दुनियाभर के लगभग 15-20 लाख पर्यटक सिर्फ सारनाथ में आते हैं. ऐसे में यहां पर व्यवस्थाओं को हाईटेक और सुलभ बनाया जा रहा है, जिससे पर्यटन के साथ ही साथ रोजगार की संभावना बढ़े.

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