नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के कई किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया है. किसानों की रिहाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा लगातार प्रयास कर रहा है. लेकिन अभी भी 122 किसान जिला कारागार लुक्सर जेल में बंद है. संयुक्त किसान मोर्चे के किसानों ने रविवार को मुजफ्फरनगर के सिसौली में भारतीय किसान यूनियन के साथ बैठक की. जिसमें 22 दिसंबर तक प्रशासन को जेल में बंद किसान नेताओं को रिहा करने का समय दिया गया है. उसके बाद 23 दिसंबर को सिसौली में महापंचायत की जाएगी और फिर गौतम बुद्ध नगर के आंदोलन को लेकर बड़ा निर्णय लिया जाएगा.
लुक्सर जेल में बंद है 122 किसान
दरअसल, गौतमबुद्ध नगर के किसान अपनी 10% आवासीय भूखंड, 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा और नए भूमि अधिग्रहण कानून को लागू करने की मांग के चलते आंदोलन कर रहे है. किसानों का यह आंदोलन पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण फिर यमुना प्राधिकरण पर रहा. जिसके बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच के लिए किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर पहुंचे जहां पर पुलिस व प्रशासन ने किसानों को दिल्ली जाने से रोक दिया और एक सप्ताह में उनकी मांगों को लेकर मुख्य सचिव से वार्ता करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर ही अपना धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. 3 दिसंबर को पुलिस ने जबरन भारी संख्या में किसानों को वहां से उठाकर जेल भेज दिया. जिसके बाद 4 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट पर किसानों ने महापंचायत का ऐलान किया.
महापंचायत में भारी संख्या में किसान इकट्ठे हुए. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने जेल में बंद किसानों को रिहा कर दिया लेकिन उसी दिन रात को धरना स्थल से दोबारा किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जिसके बाद किसानों ने लगातार गिरफ्तारियां दी और भारी संख्या में पुलिस प्रशासन ने किसानों को गिरफ्तार किया. जिसके बाद महिलाओं व कुछ किसानों को पुलिस ने छोड़ दिया जबकि वर्तमान में 122 किसान जेल में बंद है.