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क्या भाजपा के गढ़ बाबरपुर विधानसभा सीट पर तीसरी बार जीत पाएंगे गोपाल राय? - BABARPUR ASSEMBLY CONSTITUENCY

AAP के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय को बाबरपुर विधानसभा सीट से इस बार कड़ी चुनौती मिल सकती है.

भाजपा के गढ़ बाबरपुर विधानसभा सीट
भाजपा के गढ़ बाबरपुर विधानसभा सीट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 19, 2025, 9:21 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां पूरी तरह जोरों पर हैं. 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान होना है. उससे पहले तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां आप, भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. वहीं, इस बार कांग्रेस और भाजपा ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी को चुनावी समर में धूल चटाने के लिए मजबूत किलेबंदी कर दी है.

दिल्ली सरकार के मंत्रियों को भी इस बार कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है. अगर हम बात करें आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में से एक पार्टी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष एवं सरकार में 10 साल से कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की तो बाबरपुर विधानसभा सीट से इस बार गोपाल राय को भी कड़ी चुनौती मिल सकती है. बाबरपुर विधानसभा दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 नंबर की सीट है. यहां हिंदू मुस्लिमों की मिश्रित आबादी है. इस सीट पर जनता ने भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों को ही मौका दिया है. आइए जानते हैं इस बार क्या हैं बाबरपुर विधानसभा सीट का समीकरण और कौन कौन कब बना विधायक.

बाबरपुर विधानसभा सीट के उम्मीदवार
बाबरपुर विधानसभा सीट के उम्मीदवार (ETV Bharat)
बाबरपुर विधानसभा सीट के मतदाता की संख्या
बाबरपुर विधानसभा सीट के मतदाता की संख्या (ETV Bharat)

राजनीतिक परिदृश्य: बाबरपुर विधानसभा सीट दिल्ली में 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के समय से ही अस्तित्व में है. इस विधानसभा सीट पर अब तक हुए सात विधानसभा चुनाव में चार बार भाजपा, एक बार कांग्रेस और दो बार आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. इस विधानसभा सीट पर मुस्लिमों की संख्या करीब 35 प्रतिशत है. वहीं, हिंदुओं की आबादी 65 प्रतिशत है. इस सीट से तीन बार कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव चला है. लेकिन, सफलता नहीं मिली है. हालांकि, कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी दो बार बहुत कम अंतर से पराजित हुए हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (ETV Bharat)

बाबरपुर सीट 1993 से 2020 तक: वर्ष 1993 में भाजपा के नरेश गौड़ यहां से पहली बार विधायक बने. उसके बाद 1998 के चुनाव में भी नरेश गौड़ ने बहुत ही मामूली अंतर से जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल हमीद को 967 वोटों से हराया था. 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी विनय शर्मा ने यहां से 4259 वोट से जीत दर्ज की और नरेश गौड़ को हराया था. इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर खान 4507 वोट से चुनाव हारे थे. तब भी भाजपा के नरेश गौड़ ने जीत दर्ज की थी और AAP प्रत्याशी गोपाल राय तीसरे नंबर पर रहे थे. 2015 और 2020 के चुनाव में बाबरपुर सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई, तो वहीं मुकाबला भाजपा प्रत्याशी नरेश गौड़ और गोपाल राय में हुआ, जिसमें दोनों बार गोपाल राय ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की.

बाबरपुर विधानसभा सीट 1993 से 2020 तक
बाबरपुर विधानसभा सीट 1993 से 2020 तक (ETV Bharat)

जीत हार में भूमिका: बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में जीत हार में भूमिका मुस्लिम और हिंदू मतदाताओं के एक तरफा वोटिंग पर निर्भर करती है. अगर मुस्लिम मतदाता एक तरफ वोट करें और हिंदू मतदाताओं का वोट बंट जाए तो उसका फायदा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिला है. वहीं, जब मुस्लिम मतदाता का वोट बंट जाता है तो उसका फायदा हिंदू प्रत्याशियों भाजपा को मिलता रहा है. अबकी बार इस सीट से कांग्रेस ने सीलमपुर के पूर्व विधायक हाजी इशराक खान को बाबरपुर से आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय के सामने मैदान में उतार दिया है. हाजी इशराक खान आम आदमी पार्टी के टिकट पर ही वर्ष 2015 में सीलमपुर से विधायक चुने गए थे. टिकट कटने के कुछ समय बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी. हाजी इशराक खान की छवि साफ है. सीलमपुर में लोग उनके कामकाज से काफी संतुष्ट बताए जाते हैं. भाजपा ने इस सीट से अनील वशिष्ठ को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि हाजी इशराक खान मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी सेंधमारी करेंगे, जिससे गोपाल राय की राह मुश्किल हो सकती है.

बाबरपुर विधानसभा सीट के 2015 का परिणाम
बाबरपुर विधानसभा सीट के 2015 का परिणाम (ETV Bharat)

राजनीतिक मिजाज: बाबरपुर विधानसभा का कबीर नगर, कर्दमपुरी और सुभाष मोहल्ला वार्ड दिल्ली दंगे की चपेट में भी आया था. इलाके के मुसलमानो में दिल्ली दंगे के बाद से आम आदमी पार्टी के खिलाफ नाराजगी भी इस बार गोपाल राय का नुकसान कर सकती है. निगम चुनाव में भी मुस्लिम मतदाताओं ने एक वार्ड में एक तरफा कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दिया था. जिससे कांग्रेस पार्टी को जीत मिली थी. वहीं, दो वार्ड में मुस्लिम मतदाता बंट गए थे, जिससे दो वार्ड में बीजेपी की जीत हुई थी. आम आदमी पार्टी को एक वार्ड में ही जीत मिल सकी थी.

बाबरपुर विधानसभा सीट के 2020 का परिणाम
बाबरपुर विधानसभा सीट के 2020 का परिणाम (ETV Bharat)

विधानसभा चुनाव के मुद्दे: बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में गंदगी, पार्किंग की समस्या, ट्रैफिक जाम की समस्या प्रमुख है. इसके अलावा अतिक्रमण भी इस इलाके की प्रमुख समस्या है. इसके अलावा बाबरपुर विधानसभा से गुजरने वाले नाले की सफाई की समस्या भी यहां प्रमुख रूप से रहती है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां पूरी तरह जोरों पर हैं. 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में मतदान होना है. उससे पहले तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियां आप, भाजपा और कांग्रेस ने अपने अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. वहीं, इस बार कांग्रेस और भाजपा ने आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आतिशी को चुनावी समर में धूल चटाने के लिए मजबूत किलेबंदी कर दी है.

दिल्ली सरकार के मंत्रियों को भी इस बार कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है. अगर हम बात करें आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं में से एक पार्टी के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष एवं सरकार में 10 साल से कैबिनेट मंत्री गोपाल राय की तो बाबरपुर विधानसभा सीट से इस बार गोपाल राय को भी कड़ी चुनौती मिल सकती है. बाबरपुर विधानसभा दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 67 नंबर की सीट है. यहां हिंदू मुस्लिमों की मिश्रित आबादी है. इस सीट पर जनता ने भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी तीनों को ही मौका दिया है. आइए जानते हैं इस बार क्या हैं बाबरपुर विधानसभा सीट का समीकरण और कौन कौन कब बना विधायक.

बाबरपुर विधानसभा सीट के उम्मीदवार
बाबरपुर विधानसभा सीट के उम्मीदवार (ETV Bharat)
बाबरपुर विधानसभा सीट के मतदाता की संख्या
बाबरपुर विधानसभा सीट के मतदाता की संख्या (ETV Bharat)

राजनीतिक परिदृश्य: बाबरपुर विधानसभा सीट दिल्ली में 1993 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के समय से ही अस्तित्व में है. इस विधानसभा सीट पर अब तक हुए सात विधानसभा चुनाव में चार बार भाजपा, एक बार कांग्रेस और दो बार आम आदमी पार्टी को जीत मिली है. इस विधानसभा सीट पर मुस्लिमों की संख्या करीब 35 प्रतिशत है. वहीं, हिंदुओं की आबादी 65 प्रतिशत है. इस सीट से तीन बार कांग्रेस ने मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव चला है. लेकिन, सफलता नहीं मिली है. हालांकि, कांग्रेस के मुस्लिम प्रत्याशी दो बार बहुत कम अंतर से पराजित हुए हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (ETV Bharat)

बाबरपुर सीट 1993 से 2020 तक: वर्ष 1993 में भाजपा के नरेश गौड़ यहां से पहली बार विधायक बने. उसके बाद 1998 के चुनाव में भी नरेश गौड़ ने बहुत ही मामूली अंतर से जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अब्दुल हमीद को 967 वोटों से हराया था. 2003 के विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी विनय शर्मा ने यहां से 4259 वोट से जीत दर्ज की और नरेश गौड़ को हराया था. इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी जाकिर खान 4507 वोट से चुनाव हारे थे. तब भी भाजपा के नरेश गौड़ ने जीत दर्ज की थी और AAP प्रत्याशी गोपाल राय तीसरे नंबर पर रहे थे. 2015 और 2020 के चुनाव में बाबरपुर सीट पर कांग्रेस की जमानत जब्त हुई, तो वहीं मुकाबला भाजपा प्रत्याशी नरेश गौड़ और गोपाल राय में हुआ, जिसमें दोनों बार गोपाल राय ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की.

बाबरपुर विधानसभा सीट 1993 से 2020 तक
बाबरपुर विधानसभा सीट 1993 से 2020 तक (ETV Bharat)

जीत हार में भूमिका: बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में जीत हार में भूमिका मुस्लिम और हिंदू मतदाताओं के एक तरफा वोटिंग पर निर्भर करती है. अगर मुस्लिम मतदाता एक तरफ वोट करें और हिंदू मतदाताओं का वोट बंट जाए तो उसका फायदा कांग्रेस और आम आदमी पार्टी को मिला है. वहीं, जब मुस्लिम मतदाता का वोट बंट जाता है तो उसका फायदा हिंदू प्रत्याशियों भाजपा को मिलता रहा है. अबकी बार इस सीट से कांग्रेस ने सीलमपुर के पूर्व विधायक हाजी इशराक खान को बाबरपुर से आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय के सामने मैदान में उतार दिया है. हाजी इशराक खान आम आदमी पार्टी के टिकट पर ही वर्ष 2015 में सीलमपुर से विधायक चुने गए थे. टिकट कटने के कुछ समय बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी छोड़ दी थी. हाजी इशराक खान की छवि साफ है. सीलमपुर में लोग उनके कामकाज से काफी संतुष्ट बताए जाते हैं. भाजपा ने इस सीट से अनील वशिष्ठ को उम्मीदवार बनाया है. लेकिन, ऐसा माना जा रहा है कि हाजी इशराक खान मुस्लिम मतदाताओं में अच्छी सेंधमारी करेंगे, जिससे गोपाल राय की राह मुश्किल हो सकती है.

बाबरपुर विधानसभा सीट के 2015 का परिणाम
बाबरपुर विधानसभा सीट के 2015 का परिणाम (ETV Bharat)

राजनीतिक मिजाज: बाबरपुर विधानसभा का कबीर नगर, कर्दमपुरी और सुभाष मोहल्ला वार्ड दिल्ली दंगे की चपेट में भी आया था. इलाके के मुसलमानो में दिल्ली दंगे के बाद से आम आदमी पार्टी के खिलाफ नाराजगी भी इस बार गोपाल राय का नुकसान कर सकती है. निगम चुनाव में भी मुस्लिम मतदाताओं ने एक वार्ड में एक तरफा कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दिया था. जिससे कांग्रेस पार्टी को जीत मिली थी. वहीं, दो वार्ड में मुस्लिम मतदाता बंट गए थे, जिससे दो वार्ड में बीजेपी की जीत हुई थी. आम आदमी पार्टी को एक वार्ड में ही जीत मिल सकी थी.

बाबरपुर विधानसभा सीट के 2020 का परिणाम
बाबरपुर विधानसभा सीट के 2020 का परिणाम (ETV Bharat)

विधानसभा चुनाव के मुद्दे: बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में गंदगी, पार्किंग की समस्या, ट्रैफिक जाम की समस्या प्रमुख है. इसके अलावा अतिक्रमण भी इस इलाके की प्रमुख समस्या है. इसके अलावा बाबरपुर विधानसभा से गुजरने वाले नाले की सफाई की समस्या भी यहां प्रमुख रूप से रहती है.

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