नई दिल्ली:दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) की कार्यकारी परिषद अगर पाठ्यक्रम में प्रस्तावित बदलाव को मंजूरी दे देती है तो उर्दू विषय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थी आध्यात्मिक संत कबीर दास के दोहे पढ़ते नजर आएंगे. अधिकारियों ने कहा कि कला संकाय की ओर से प्रस्तावित संशोधन को यदि मंजूरी मिलती है तो एमए उर्दू के पहले सेमेस्टर के विद्यार्थियों को ‘कबीर वाणी’ के दोहे पढ़ाए जाएंगे.
उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य से कला संकाय ने एमए उर्दू के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम में दो पाठ्यपुस्तकें शामिल करने का प्रस्ताव दिया है. इन पाठ्यपुस्तकों में अली सरदार जाफरी द्वारा लिखित कबीर वाणी और प्रभाकर मंचवे द्वारा लिखित कबीर शामिल हैं. अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, कला संकाय द्वारा अनुशंसित संशोधनों के हिस्से के रूप में छात्रों को पहले सेमेस्टर में 'कबीर बानी' से 40 दोहा पढ़ाया जाएगा. अगर मंजूरी मिल जाती है तो पाठ्यक्रम में बदलाव अगस्त में शुरू होने वाले 2024-25 शैक्षणिक सत्र से लागू हो सकते हैं.
कला संकाय ने उर्दू विभाग में पढ़ाए जाने वाले "बेसिक टेक्स्ट "प्रारंभिक उर्दू साहित्य" नामक एक पेपर के पाठ्यक्रम में इन संशोधनों की सिफारिश की है. 19 फरवरी को आयोजित बैठक में संकाय ने परिवर्तन करने का निर्णय लिया. इसे विश्वविद्यालय के सर्वोच्च निर्णय लेने वाले निकाय कार्यकारी परिषद के समक्ष अनुमोदन के लिए रखा गया है. बैठक 27 जुलाई को होगी.