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संस्कृति के दीवाने हुए विदेशी, 26 देशों के छात्रों ने कराया रजिस्ट्रेशन - Sanskrit Central University - SANSKRIT CENTRAL UNIVERSITY

संस्कृत केंद्रीय विश्वविद्यालय में 26 देश से अधिक छात्रों ने संस्कृत पढ़ने के लिए अपनी रुचि दिखाई है. करीब 700 से अधिक छात्र ऑनलाइन मोड में संस्कृत और अन्य भाषाओं की शिक्षा ले रहे हैं.

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Sanskrit Central University (Etv Bharat reporter)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 8, 2024, 12:36 PM IST


लखनऊ:केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में मौजूदा समय में 26 देशों से अधिक छात्रों ने संस्कृत पढ़ने के लिए अपनी रुचि दिखाई है. यह छात्र संस्कृत को पढ़कर भारतीय संस्कृति और इसके सिद्धांत को समझने की कोशिश करने के साथ ही उसे आत्मसात करने का प्रयास कर रहे हैं. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर के निदेशक का कहना है, कि भाषाई प्रचार के लिए शिक्षकों का दल विदेश में लगातार भ्रमण करता है. इसी का परिणाम है कि आज हमारे विश्वविद्यालय से करीब 26 देश से 700 से अधिक छात्र जुड़े हैं. जो न केवल संस्कृत बल्कि और पाश्चात्य भाषण जैसे पाली देवनागरी आदि को सीखने के लिए आगे आए हैं.

26 देश से करीब 700 से अधिक छात्र ऑनलाइन मोड में संस्कृत और अन्य भाषाओं की शिक्षा ले रहे हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के डायरेक्टर डॉ. सर्व नारायण झा ने बताया, कि संस्कृत विषय को चुनकर विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्रों में अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, इटली, लंदन, सिंगापुर सहित 26 देश से छात्रों ने आवेदन किया है. उन्होंने बताया कि ऑफलाइन पढ़ने वाले छात्रों की संख्या तो कम है. जिन छात्रों ने ऑफलाइन ऐडमिशन लिया हैं वह भारत के पड़ोसी देशों से है. जबकि ऑनलाइन अध्ययन करने वाले छात्रों की संख्या 700 से अधिक है जो इन 26 देश से है. डॉक्टर जाने ने बताया, कि मौजूदा समय में विश्वविद्यालय परिषद से थाईलैंड के पोर्न चाई खुदीय जो यहां पर पाली विषय से एमए कर रहे है, साथ ही वह संस्कृत भी सीख रहे हैं.

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प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया, कि न केवल विदेश बल्कि अपने देश से भी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन किया जाता है. इसके लिए विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विभिन्न देशों के साथ टाइपअप कर वहां के छात्रों को संस्कृत और बौद्ध दर्शन से जुड़े साहित्य और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की तरफ आकर्षित करते हैं. उन्होंने बताया, कि नेपाल के भागेश्वर दुबे प्राक्शास्त्री पाठ्यक्रम के अलावा हिंदी आयुर्वेद से जुड़ी भारतीय स्वास्थ्य पद्धति पर अध्ययन कर रहे हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय के सभी विभागों से जुड़े कोर्स के लिए मैन्युअल आवेदन के साथ-साथ ऑनलाइन आवेदन भी होते हैं, जो सीईयूटी के माध्यम से लिए जाते हैं.


यूरोप में रहने वाले भारतीय संस्कृति सीखने में अधिक दिलचस्पी दिखा रहे हैं. प्रोफेसर सर्व नारायण झा ने बताया, कि संस्कृत सीखने के लिए यूरोपियन देशों से सबसे अधिक भारतीय मूल के लोग जो वहां सालों पहले जाकर बस गए हैं. वह संस्कृत विषय को सिखाने में सबसे अधिक रुचि दिखा रहे हैं. वह संस्कृत के साथ-साथ भारतीय सभ्यता और सनातन परंपरा को जानने समझने के लिए ऑनलाइन संस्कृत पढ़ने में अधिक रुचि दिखा रहे. इसके अलावा बौद्ध धर्म से जुड़े तथ्यों को समझने और जानने के लिए दक्षिण एशिया के कई देशों से बड़ी संख्या में छात्र बुद्धिस्म पर शोध और अन्य चीजों को जानने के लिए विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री कर रहे हैं.

कुछ प्रमुख देशों से बच्चे कर रहे हैं ऑनलाइन
अमेरिका 18
जर्मनी 24
फ्रांस 12
इटली 14
लंदन 26
सिंगापुर 13
थाईलैंड 34

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