लखनऊ: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर कई पेंच फंस गए हैं. संगठन के आधार पर उत्तर प्रदेश को भाजपा ने 98 जिलों में बांट रखा है. जिनमें से 18 से 20 जिलों में चयन को लेकर जबरदस्त कशमकश है. इसलिए बीजेपी विवाद रहित जिलों के अध्यक्ष पहले घोषित कर सकती है.
जहां खींचतान ज्यादा है, वहां के अध्यक्ष पद पर नतीजा होल्ड किया जा सकता है. प्रदेश अध्यक्ष के चयन के बाद ऐसे जिलों में जिलाध्यक्ष घोषित होंगे. फिलहाल 18 से 20 जनवरी के बीच में पार्टी की जिलाध्यक्षों की पहली सूची सामने आ सकती है.
माना जा रहा है कि भाजपा को नए जिलाध्यक्ष 20 जनवरी से पहले मिल जाएंगे. जिलाध्यक्ष बनने को प्रदेशभर के दावेदारों ने लखनऊ में जोर-आजमाइश में पूरा दम झोंक रखा है. प्रदेश कार्यालय पर मंगलवार को भी दावेदारों व उनके समर्थकों की भीड़ लगी रही.
उधर, प्रदेश चुनाव समिति ने सोमवार को काशी और पश्चिम क्षेत्र के जिलों की स्क्रीनिंग की. जिला चुनाव अधिकारियों ने पांच-पांच नामों के पैनल प्रदेश चुनाव समिति के समक्ष प्रस्तुत किए, जिन पर मंथन हुआ. उसके बाद मंगलवार मकर संक्रांति का अवकाश रहा. अवध और गोरखपुर क्षेत्र की स्क्रीनिंग बुधवार को की जाएगी. पार्टी सूत्रों के अनुसार 17 जनवरी को दिल्ली में बैठक होगी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन जिलों के गठन का पूरा गुणा-गणित समझाएंगे.
अयोध्या, सिद्धार्थनगर, बस्ती, फतेहपुर, हापुड़, शामली आदि जिलों में मंडलों का गठन न हो पाने के कारण चुनाव नहीं कराए जा सके हैं. प्रदेश में भाजपा के कुल 98 संगठनात्मक जिले हैं. इनमें से करीब 90 में नामांकन प्रक्रिया कराई गई थी.
माना जा रहा है कि 75 से 80 के बीच नए जिलाध्यक्षों की घोषणा 18 से 20 जनवरी के बीच हो सकती है. फिलहाल स्क्रीनिंग के दौरान दावेदारों का वरीयता क्रम तय किया जा रहा है. 15 जनवरी को अवध और गोरखपुर क्षेत्र पर मंथन के बाद 16 जनवरी को एक बार फिर पूरी सूची को प्रदेश चुनाव समिति की कोर टीम अंतिम रूप देगी.
17 जनवरी को दिल्ली में इसे लेकर बैठक है. इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी व महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह जाएंगे. प्रदेश चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय भी साथ होंगे. कुछ जगहों पर विवाद या अन्य कारणों से चुनाव की स्थिति नहीं बन पाई है. ऐसे जिलों को होल्ड किए जाने की खबर है.
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