लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस की व्यवस्था को लागू करने के लिए मियाद और बढ़ा दी गई है. ई-ऑफिस के तहत कार्यालयों के सारे कामों को ऑनलाइन किया जा सकता है. पहले इसकी मियाद 1 जनवरी 2025 तक की गई थी. जिसको बढ़ाकर 1 मार्च किया गया है. यह पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल की ओर से जारी किया गया है. सभी कार्यालय को दो महीने का और समय दे दिया गया है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सख्त हिदायत दी गई है कि इसके बाद में किसी भी हाल में ऑफलाइन फाइलें नहीं निस्तारित की जाएंगी.
उन्होंने बताया है कि इलेक्ट्रॉनिक विभाग की ओर से ई ऑफिस को लेकर जो जरूरी सुविधाएं ब्लॉक स्तर तक विकसित करने के लिए कहा गया है वह अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो सकी हैं. उल्लेखनीय है कि समस्त विभागों/कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली को समयबद्धता से लागू किए जाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पत्र लिखा गया था. इसमें जनवरी को ई-ऑफिस लागू करने के लिए कहा गया था.
उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त कार्यालयों (सचिवालय, निदेशालय/मुख्यालय, मंडल, जनपद, तहसील, विकास खंड आदि) में प्रत्येक दशा में 01 मार्च, 2025 से पत्रावलियों का व्यवहरण एवं पत्राचार ई-ऑफिस के माध्यम से ही शुरू कर दिया जाए. इस तिथि के पश्चात किसी भी दशा में ऑफलाइन पत्रावलियों का व्यवहरण व पत्राचार स्वीकार न किया जाए.
इसके बाद ऑफलाइन काम रोक दिए जाएंगे और जो भी कार्यालय इस अवधि में यह ऑफिस का काम पूरा नहीं कर सकेंगे, उनके विभाग अध्यक्ष के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि ई ऑफिस के जरिए आम जनता के काम तेजी से होंगे और उनको किसी तरह के भ्रष्टाचार का सामना नहीं करना पड़ेगा, इसलिए इसको जल्द से जल्द लागू किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें : CM योगी का फरमान: यूपी में 1 जनवरी से ऐसे दौड़ेंगी सरकारी फाइलें, लटका नहीं पाएंगे बाबू, ये नया सिस्टम आ रहा - UP GOVERNMENT NEWS