वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री विषय में अब दो सेमेस्टर में पढ़ाई होगी. विश्वविद्यालय द्वारा इसके लिए दो सेमेस्टर का पाठ्यक्रम बनाया गया है. इसके साथ ही विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने वालों के लिए नई गाइडलाइन बनाई गई है.
विश्वविद्यालय प्रशासन इस गाइडलाइन को सत्र 2024-2025 से लागू करेगा. यह पूरी प्रक्रिया तब अपनाई जा रही है, जब विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि शास्त्री विषय में दाखिला लेने के लिए संस्कृत विषय का बैकग्राउंड होने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाए.
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए पहले यह नियम था कि, संबंधित अभ्यर्थी को जिस भी क्लास के लिए एडमिशन लेना होता था, उसके लिए योग्यता प्रदायी विषय में संस्कृत विषय की पढ़ाई जरूरी थी.
एडमिशन के लिए गाइडलाइन
- उन सभी विषयों में, जिनमें संबंधित विषयों में उत्तर मध्यमा उत्तीर्ण करना आवश्यक है, उनको छोड़कर सभी में बिना संस्कृत के 12वीं उत्तीर्ण छात्र एडमिशन के लिए आवेदन कर सकेंगे.
- ज्योतिष विषय में किसी भी विषय के उत्तर मध्यमा से उत्तीर्ण छात्र एडमिशन ले सकेंगे.
- प्रवेश अर्हता सूची में परंपरागत विषय में उत्तर मध्यमा उत्तीर्ण छात्रों को वरीयता दी जाएगी.
- उत्तर मध्यमा में प्रवेश के लिए बची सामान्य धारा के 12वीं उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा.
- बिना संस्कृत विषय के उत्तीर्ण छात्रों को शास्त्री प्रथम, द्वितीय सेमेस्टर में संस्कृत भाषा पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना होगा.