उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

उत्तराखंड में सैलून संचालक दीपक कुमार बने पार्षद, ऐसे जीता श्रीनगर की जनता का विश्वास - SRINAGAR NAGAR NIGAM COUNCILLOR

श्रीनगर नगर निगम के वार्ड संख्या 23 से सैलून चलाने वाले दीपक कुमार बने पार्षद, वार्ड की समस्याओं के समाधान को बताया प्राथमिकता

Salon operator Deepak Kumar became councilor
पार्षद दीपक कुमार (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 31, 2025, 4:19 PM IST

Updated : Jan 31, 2025, 4:29 PM IST

श्रीनगर:मेहनत, लगन और जनता के प्रति समर्पण किसी को भी सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है. इसका जीता जागता उदाहरण हैं दीपक कुमार. जी हां, श्रीनगर नगर निगम के वार्ड संख्या 23 से बीजेपी के टिकट पर पार्षद चुने गए दीपक पेशे से एक सैलून संचालक हैं. जिन्होंने छोटी सी दुकान से पार्षद तक का सफर तय किया है. वहीं, अब पार्षद बनने के बाद दीपक ने अपने वार्ड की सबसे बड़ी समस्या बरसाती नाले और जलभराव का स्थायी समाधान करना प्राथमिकता बताया है.

छोटी सी दुकान से पार्षद तक का सफर: श्रीनगर में पेट्रोल पंप के पास पीएनबी मार्ग पर दीपक और उनके पिता जगदीश कुमार पिछले चार दशकों से एक छोटी सी सैलून की दुकान चला रहे हैं. करीब 40 साल पहले जगदीश कुमार ने यह दुकान शुरू की थी. जबकि, बीते 18 सालों से दीपक भी इस व्यवसाय में उनका हाथ बंटा रहे हैं. महज 5x6 फीट की यह दुकान न केवल उनके परिवार की आजीविका का साधन रही. बल्कि, समाज से जुड़ने का माध्यम भी बनी.

सैलून संचालक दीपक कुमार बने पार्षद (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

जनता का विश्वास और जीत:नव निर्वाचित पार्षददीपक बताते हैं कि ये दुकान सिर्फ आजीविका का जरिया नहीं, बल्कि उनके जीवन का अहम हिस्सा भी है. पार्षद बनने के बाद भी वो इस काम को जारी रखेंगे. क्योंकि, यह उन्हें जड़ों से जोड़े रखता है. निकाय चुनाव में वार्ड संख्या 23 से दीपक कुमार के सामने कांग्रेस समेत तीन निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन वार्डवासियों ने उन पर विश्वास जताया. उन्होंने निकटतम प्रतिद्वंदी निर्दलीय प्रत्याशी आकाश भारती को 16 वोटों से हराकर जीत दर्ज की.

वार्ड को आदर्श बनाने का संकल्प:दीपक का लक्ष्य अपने वार्ड को एक आदर्श वार्ड बनाना है. उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या विकराल हो जाती है. उनकी प्राथमिकता इसे स्थायी रूप से हल करना है. ताकि, लोगों को राहत मिल सके. वहीं, उनके पिता जगदीश कुमार भावुक होकर कहते हैं कि उन्होंने अपनी पूरी उम्र सैलून के काम में बिता दी और बेटा भी इसी पेशे में उनका साथ देता है. उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो पार्षद बनेगा, लेकिन उसकी ईमानदारी और लोगों से जुड़े रहने की आदत ने उसे इस मुकाम तक पहुंचा दिया.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Jan 31, 2025, 4:29 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details