नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट को अंतिम रूप प्रदान किया. बजट को लेकर आशा है कि इसमें मध्यम वर्ग की टैक्स कटौती की उम्मीद और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए अर्थव्यवस्था की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित किया जाएगा.
बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को लगातार आठवीं बार बजट पेश करेंगी. वहीं बजट के राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण होने के साथ-साथ इसमें कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के अलावा ऊंची कीमतों और स्थिर वेतनवृद्धि का सामना कर रहे मध्यम वर्ग पर बोझ कम करने के उपाय शामिल किए जाने की उम्मीद है.
Union Minister for Finance and Corporate Affairs Smt. @nsitharaman interacts with the Secretaries and the senior officials involved in the Budget making process @FinMinIndia while giving final touches to the Union Budget 2025-26 at her office in North Block, in New Delhi, today.… pic.twitter.com/lXjk64WGsO
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 31, 2025
इस बारे में वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में नॉर्थ ब्लॉक स्थित अपने कार्यालय में केंद्रीय बजट 2025-26 को अंतिम रूप दिया. साथ ही उन्होंने बजट निर्माण प्रक्रिया में शामिल सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत भी की.बैठक के दौरान वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी भी मौजूद थे.
गौरतलब है कि बजट ऐसे समय में आ रहा है जब चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर घटकर चार साल के अपने निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आने की संभावना है. वहीं वित्त मंत्री द्वारा दोनों ही सदनों में पेश आर्थिक समीक्षा 2024-25 में अनुमान लगाया गया है कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर 6.3-6.8 प्रतिशत रहेगी. यह दर विकसित राष्ट्र बनने के लिए जरूरी वृद्धि दर से बहुत कम है. इसके साथ ही आर्थिक समीक्षा में वृद्धि को बढ़ावा देने के को लेकर भूमि और श्रम क्षेत्रों में विनियमन और सुधारों की जरूरत बताई गई है.
आर्थिक समीक्षा से यह भी संकेत मिलते हैं कि भारत की विश्वस्तरीय वृद्धि धीमी हो रही है. फलस्वरूप 2047 तक विकसित भारत के टारगेट को हासिल करने के लिए जरूरी 8 प्रतिशत की वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए और अधिक काम किए जाने की जरूरत है.
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