सागर (कपिल तिवारी): पिछले चार पांच दिनों से मौसम में अचानक आए बदलाव और बारिश के कारण रबी की फसलों के लिए ये अमृत वर्षा मानी जा रही है. इस समय बारिश होने से किसान भाइयों की फसलों की सिंचाई की चिंता कम होने के साथ-साथ फसलों की लागत भी कम हो गई है. किसान भाई इस मौसम का फायदा लेने के लिए कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें और उनके अनुसार काम करें. इससे वो ज्यादा फायदा ले सकते हैं.
कैसे हैं मौसम के मिजाज
सागर सहित पूरे बुंदेलखंड में बीते 4 दिनों से बारिश का सिलसिला जारी है. कहीं अच्छी बारिश हो रही है तो कहीं लगातार बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है. यह बारिश रबी की फसलों के लिए अमृत के समान मानी जा रही है, जिसे किसान मावठ(सर्दियों के मौसम में होने वाली बारिश) भी कहते हैं. बदले हुए मौसम से किसानों को राहत मिली है. बारिश के बाद रोजाना सुबह कोहरे की चादर भी खेतों पर बिछी नजर आ रही है.
फसलों पर चढ़ी सफेद चादर (ETV Bharat) क्या कहते हैं जानकार
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सहायक संचालक जितेन्द्र सिंह राजपूत का कहना है कि "अभी इस समय पर बारिश हो रही है. जिसकी वजह से मौसम में कोहरा बना हुआ है. चूंकि बारिश को साल की पहली मावठ बोल सकते हैं, जो फसलों के लिए काफी अच्छी है. इससे किसानों की सिंचाई का खर्च भी कम हुआ है. इस समय बारिश होने से वातावरण की नाइट्रोजन घुलकर जमीन में पहुंचती हैं. जिससे फसलों में अच्छी तरह से हरियाली आती है."
मावठ से किसानों ने ली राहत की सांस (ETV Bharat) ऐसे करें खाद का उपयोग
सहायक संचालक जितेन्द्र सिंह राजपूतने कहा कि "वर्तमान में फसलों की दूसरी सिंचाई होगी. किसान भाई गेंहू की फसल में नैनो यूरिया खाद का उपयोग कर सकते हैं. वहीं दलहनी फसलों में एनपीके केमिकल खाद का लिक्विड बनाकर छिड़काव कर सकते हैं. इसके अलावा नैनो डीएपी का छिड़काव कर सकते हैं. यदि आपकी पहली गेंहू की सिंचाई है, तो उसमें दानेदार यूरिया का छिड़काव करें. इसका छिड़काव तब करना है कि जब खेत चलने लायक हो जाए. जिससे यूरिया की खपत कम हो जाएगी और उसका उपयोग पौधे शत प्रतिशत कर पाएंगे. वर्तमान जो मौसम नहीं खुल रहा है, इसके लिए किसान भाई अपने खेतों के चारों तरफ मेंड़ों पर धुंआ करें. जिससे आपके खेतों में धुएं की चादर के कारण गर्माहट बनी रहेगी."