सागर।भारतीय सेना के अग्निवीरों, सैनिकों के परिजनो और अधिकारियों के शैक्षणिक, व्यावसायिक और तकनीकी कौशल को विकसित करने सेंट्रल यूनिवर्सिटी डॉ.हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय और महार रेजिमेंट के बीच करार हुआ है. इसके तहत दूरस्थ शिक्षा के लिए किए गए अकादमिक करार के तहत अलग-अलग पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया मौजूदा सत्र से शुरू कर दी गयी है.
भारतीय सेना की अहम इकाई महार रेजीमेंट
भारतीय सेना की इकाई के रूप में महार रेजीमेंट जांबाज और कुशल सैनिक तैयार कर रही है. वहीं सागर यूनिवर्सिटी का दूरस्थ शिक्षा संस्थान अपनी भूमिका का निर्वाह कर अग्निवीर सैनिकों के शैक्षणिक, व्यावसायिक और तकनीकी दक्षता के साथ डिग्री भी प्रदान करेगी. यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित कोर्स संरचना और परीक्षा के साथ रोजगार संभावनाओं को लेकर अग्निवीर सैनिकों को विशेष मार्गदर्शन दिया जा रहा है. इसके अलावा अग्निवीर सैनिकों के लिए पाठ्यक्रम की स्पेशल क्लास के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी.
सागर यूनिवर्सिटी और महार रेजीमेंट के बीच करार
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर और भारतीय सेना की महार रेजीमेंट के बीच अकादमिक समझौता के तहत सेना के जवानों, अधिकारियों और उनके परिजनों की शैक्षणिक, व्यावसायिक और तकनीकी दक्षता को बढ़ावा दिया जाएगा. अग्निवीरों को शिक्षा के साथ व्यावसायिक रूप से हुनरमंद बनाने के लिए किसी विश्वविद्यालय के साथ सेना का ये पहला समझौता है. सागर यूनिवर्सिटी से हुए समझौते के तहत महार रेजीमेंट के अग्निवीरों के लिए तैयार किए गए पाठ्यक्रमों की मदद से वे सेना में सेवा दे सकेंगे.