सागर:नौरादेही टाइगर रिजर्व से सटे गांव के बच्चों को अंग्रेजी सहित दूसरी विदेशी भाषाओं की शिक्षा दी जाएगी. ऐसा इसलिए ताकि ये बच्चे टाइगर रिजर्व के जरिए स्वरोजगार कर सकें. जिसमें गाइड बनने समेत अन्य व्यवसाय भी किए जा सकते हैं. सागर जिले की रहली विधानसभा से विधायक गोपाल भार्गव ने यह पहल की है. वे अपने निजी खर्च पर यहां के बच्चों को अंग्रेजी, फ्रेंच और चाइनीज जैसी भाषाएं सिखाएंगे.
बता दें कि विधायक गोपाल भार्गव अपने गृहनगर गढ़ाकोटा में संस्कृत विद्यालय की स्थापना कर अब तक करीब 400 गरीब बच्चों को निशुल्क संस्कृत और पुजारी का प्रशिक्षण दे चुके हैं. इनमें से कई बच्चे सेना और कई दूसरे संस्थानों में सरकारी नौकरी भी हासिल कर चुके हैं.
विधायक गोपाल भार्गव की बड़ी पहल (ETV Bharat) नौरादेही टाइगर रिजर्व में बच्चे बनेंगे गाइड
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही) की बात करें तो ये मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है. यह सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैला हुआ है. 20 सितंबर 2023 में नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा दिया गया था. यहां बाघों के अलावा भेड़िया, गिद्ध और दूसरे शाकाहारी जानवरों के अलावा कई तरह के पशु पक्षी पाए जाते हैं.
नौरादेही टाइगर रिजर्व सागर (ETV Bharat) टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा सागर जिले की रहली, देवरी और केसली विकासखंड में है. रहली विधानसभा के विधायक गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र के विस्थापितों के लिए सर्वसुविधा युक्त आदर्श कॉलोनियां बनवाई हैं तो विस्थापितों और यहां के रहवासियों के कल्याण के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहे हैं. उन्हीं में से एक गांव के बच्चों को अंग्रेजी और दूसरी भाषाएं सिखाना है ताकि यहां के बच्चे गाइड बन सकें.
वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (ETV Bharat) नौरादेही टाइगर रिजर्व (ETV Bharat) 'खुद के खर्च पर सिखाएंगे अंग्रेजी और दूसरी भाषाएं'
पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव का कहना है कि "नौरादेही टाइगर रिजर्व देश के प्रमुख अभ्यारण्य में शामिल हो गया है. यहां का एक बड़ा क्षेत्र उनके विधानसभा में आता है. ऐसे में इन गांवों के हायर सेकेण्डरी और हाईस्कूल के बच्चों को अंग्रेजी की पढ़ाई की निशुल्क व्यवस्था करने जा रहा हूं. जिससे वो अच्छे गाइड बन सकें और दूसरे रोजगार कर सकें."
उन्होंने कहा कि "यहां आने वाले देशी विदेशी पर्यटकों को यहां की खूबियों के बारे में बता सकें. इसके अलावा यहां के स्कूल में पर्यटन विषय की पढ़ाई की व्यवस्था भी की जाएगी. अंग्रेजी शिक्षा देने के अलावा बच्चों को फ्रेंच और चाइनीज भाषा भी सिखाएंगे. ये सब किसी सरकारी योजना से नहीं बल्कि निजी खर्च पर करूंगा."