सागर। जिले के रहली विकासखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थान रानगिर में ओरछा के रामराजा लोक की तर्ज पर मां हरसिद्धि लोक विकसित किया जाएगा. पूर्व मंत्री और रहली विधायक गोपाल भार्गव के प्रयासों से पर्यटन विभाग भोपाल के एक दल ने रानगिर पहुंचकर मां हरसिद्धि के दर्शन के बाद मंदिर और आसपास के इलाके का दौरा किया. पर्यटन विभाग भोपाल के चीफ इंजीनियर दिलीप श्रीवास्तव ने अपनी टीम और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव के साथ मंगलवार को मां हरसिद्धि लोक के प्रस्ताव और संभावनाओं पर चर्चा की.
प्राचीन मां हरसिद्धि मंदिर का होगा कायाकल्प
बुंदेलखंड के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रानगिर का कायाकल्प किया जाएगा. खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बने मां हरसिद्धि के प्राचीन मंदिर को धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए योजना बनाई जाएगी. जिस तरह उज्जैन में महाकाल लोक, ओरछा में रामराजा लोक का निर्माण हो रहा है. सलकनपुर की तर्ज पर रानगिर में मां हरसिद्धि लोक का निर्माण किया जाएगा. इसी योजना के संबंध में पर्यटन विभाग के अधिकारियों का दल रानगिर पहुंचा.पर्यटन विभाग के चीफ इंजीनियर दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि "उज्जैन के महाकाल लोक, ओरछा के श्रीरामराजा लोक और सागर में बन रहे रविदास मंदिर जैसा मां हरसिद्धि लोक बनाया जाएगा. टीम ने रानगिर मंदिर के आसपास के क्षेत्र का जायजा लिया है. एरिया और लोकेशन के आधार पर मां हरसिद्धि लोक का प्रस्ताव तैयार होगा. जिसके आधार पर बजट स्वीकृति के लिए शासन को भेजा जाएगा."
एमपी-यूपी के बुंदेलखंड का आस्था का केंद्र
यह मंदिर बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल और बाजीराव पेशवा की दोस्ती की भी कहानी कहता है. महाराजा छत्रसाल ने बाजीराव पेशवा के लिए उपहार में कई गढ़ भेंट किए थे. बाजीराव पेशवा ने गोविंद राव खेर के लिए ये इलाका सौंपा था. गोविंद राव खेर की वंशज रानी लक्ष्मी बाई ने रहली के रानगिर में हरसिद्धि माता मंदिर, टिकीटोरिया में सिंह वाहिनी मंदिर और पंढरपुर में विट्ठल मंदिर का निर्माण कराया था. इस मंदिर का निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था और मंदिर को करीब 300 साल हो चुके हैं.