सागर:मध्यप्रदेश के सबसे बडे़ टाइगर रिजर्व वीरांगना रानी दुर्गावती (नौरादेही) टाइगर रिजर्व को बने एक साल से ज्यादा वक्त बीत गया है. लेकिन टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी होने से पहले चल रही विस्थापन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पायी. जबकि ये प्रक्रिया 2014 में ही शुरु हो गयी थी. सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले में फैले टाइगर रिजर्व में विस्थापन के हाल ये हैं कि सागर और नरसिंहपुर जिले में विस्थापन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. लेकिन दमोह जिले में दो दर्जन से ज्यादा गांव का विस्थापन अभी भी पूरा नहीं हो सका है. प्रबंधन का कहना है कि बाकी बचे गांवों को अगले वित्तीय वर्ष में विस्थापित कर लिया जाएगा.
ढाई हजार वर्ग किमी में फैला नौरादेही टाइगर रिजर्व
जहां तक नौरादेही टाइगर रिजर्व की बात करें, तो मध्यप्रदेश के सबसे बडे़ वन्यजीव अभ्यारण्य नौरादेही और दमोह में स्थित वीरांगना रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व को मिलाकर टाइगर रिजर्व की अधिसूचना 20 सिंतबर 2023 में जारी हुई थी. जिसका कुल क्षेत्रफल 2,339 वर्ग किमी है. इसमें 1414 वर्ग किमी कोर एरिया और 925.12 वर्ग किमी बफर एरिया है. खास बात ये है कि ये टाइगर रिजर्व तीन जिलों में फैला हुआ है. जिसमें सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिले हैं.
सागर और नरसिंहपुर में विस्थापन
नौरादेही टाइगर रिजर्व के विस्थापन की प्रक्रिया टाइगर रिजर्व की अधिसूचना जारी होने के पहले शुरु हो चुकी थी. जब नौरादेही अभ्यारण्य हुआ करता था, तो 2014 में ही प्रक्रिया शुरू हो गयी थी. लेकिन टाइगर रिजर्व बनने के सवा साल बाद भी ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. सागर और नरसिंहपुर जिले में विस्थापन का काम तेजी से चल रहा है. जहां तक सागर जिले की बात करें, तो मौजूदा वित्तीय वर्ष (2024-2025) के बाद 7 से 8 गांव विस्थापन के लिए रह जाएंगे. इसके अलावा नरसिंहपुर जिले में सिर्फ एक गांव विस्थापन जिले के लिए बचेगा.