सागर।देवरी विधानसभा क्षेत्र के केसली पुलिस थाने में स्थानीय भाजपा विधायक ने एक व्यक्ति को शिकायत लेकर भेजा. लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से गुस्साए देवरी विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने इस्तीफा दे दिया. कुछ घंटे चले सियासी ड्रामे के बाद पटेरिया ने इस्तीफा वापस ले लिया. विधायक पटेरिया ने अपने इस फैसले को आक्रोश से वशीभूत होना बताया है. उन्होंने कहा है "पार्टी अध्यक्ष मुख्यमंत्री और पार्टी के कार्यकर्ता मेरे साथ खड़े हैं. मैंने आक्रोश से वशीभूत होकर फैसला लिया था. लेकिन मेरी अब ऐसी कोई मंशा नहीं है."
रात 3 बजे तक चला सियासी ड्रामा
बीजेपी विधायक बृज बिहारी पटेरिया का आरोप है "केसली थाना के मेंढकी गांव में सांप काटने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. मृतक के परिजन बॉडी और सांप को लेकर अस्पताल पहुंचे थे, आरोप है कि इस दौरान डॉक्टर ने रिपोर्ट में सर्पदंश से मौत लिखने की एवज में 40 हजार रुपए की मांग की. इसके साक्ष्य होने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी." इस बात से नाराज होकर विधायक खुद थाने पहुंचे और आक्रोश में उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा भी दे दिया था. उनका कहना था"जब सत्ता पक्ष के विधायक की थाने में सुनवाई नहीं होगी, विधायक स्वयं धरने पर बैठेगा तो इससे शर्मनाक क्या हो सकता है."
बीजेपी विधायक बृज बिहारी पटेरिया (ETV BHARAT)
भोपाल तक हड़कंप, देर रात इस्तीफा वापस
बताया जा रहा है कि विधायक का इस्तीफा वायरल होने के बाद सागर से एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा देर रात केसली पहुंचे और उन्होंने घटनाक्रम की पूरी जानकारी ली. इस मामले में जहां केसली थाना प्रभारी अजय बेगा को लाइन अटैच कर दिया गया तो डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी. रात करीब 3 बजे तक चले इस घटनाक्रम के बाद विधायक बृज बिहारी पटेरिया ने अपना इस्तीफा वापस लेने की घोषणा की और कहा "आक्रोश से वशीभूत होकर उन्होंने यह कदम उठाया था."
विधायक का इस्तीफा वायरल होने के बाद पूर्व मंत्री और विधायक गोपाल भार्गव को जैसे ही जानकारी लगी तो उन्होंने तत्काल उनसे फोन पर बातचीत की. भार्गव ने इस्तीफा स्पीकर को ना भेजने के लिए मनाया. गोपाल भार्गव ने तत्काल कलेक्टर और एसपी से बातचीत की. विधायक की सुनवाई न होने पर नाराजगी जताई. इस्तीफा वायरल होने के कारण पुलिस प्रशासन भी दबाव में आया. तत्काल एसपी, कलेक्टर ने एडिशनल एसपी लोकेश सिन्हा को केसली भेजा. मौके पर पहुंचे एएसपी ने मामले की गंभीरता समझी और विधायक की मांग के अनुसार एफआईआर दर्ज करवाई और केसली थाना के प्रभारी अजय बैगा को लाइन हाजिर करने का मौखिक आश्वासन दिया. तब जाकर विधायक माने. खास बात ये है कि इस मामले में भाजपा संगठन और भाजपा सरकार की जिम्मेदार पदों पर बैठे किसी भी पदाधिकारी नेता ने किसी तरह का हस्तक्षेप करने की कोशिश नहीं की.
कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सरकार पर उठाए सवाल
बताया जा रहा है कि विधायक इस बात पर नाराज थे कि ना तो भाजपा के जिला अध्यक्ष गौरव सीरोठिया उनका फोन उठा रहे थे और ना ही सागर एसपी उनका फोन उठा रहे थे. इसी कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने प्रदेश की बदहाली पर किया एक्स पर किया पोस्ट "भाजपा के ही पूर्व वरिष्ठ मंत्री एवं विधायक उठा रहे है सवाल. गोपाल भार्गव जी, अजय विश्नोई जी, संजय पाठक जी, प्रदीप पटेल जी, प्रीतम लोधी जी एवं बृजबिहारी पटैरिया यह सब भाजपा सरकार के वो विधायक हैं, जिन्होंने सरकार की हकीकत जनता के सामने रख दी है कि महिलाएं असुरक्षित, माफियाओं का बोलबाला, भारी भ्रष्टाचार व्याप्त, आम जनमानस असुरक्षित है."