सागर।बुंदेलखंड में लाॅजिस्टिक हब और इंडस्ट्री को विकसित करने के उद्देश्य से संभागीय मुख्यालय सागर में रिंग रोड का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है. प्रदेश के चार महानगरों के साथ सागर शहर को भी केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा ये सौगात दी गयी है. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर के साथ सागर में भी रिंग रोड का निर्माण किया जाएगा. इस रिंग रोड के निर्माण से भोपाल और इंदौर का यातायात सुगम होगा. साथ ही नेशनल हाइवे के माध्यम से जबलपुर, नागपुर,कानपुर, भोपाल और इंदौर के लिए यातायात सुगम होगा.
क्या है भारतमाला परियोजना
भारतमाला परियोजना सड़कों और राजमार्गों के विकास की नई परियोजना है. इस परियोजना के तहत देश के यातायात दबाव वाले राजमार्ग नेशनल कारीडोर के नाम से जाने जाते हैं. इसमें गोल्डन कारीडोर चार खंड उत्तर-दक्षिण और पूर्व पश्चित कारीडोर के दो खंड और मुंबई कोलकाता कारीडोर शामिल हैं. भारतमाला परियोजना के तहत इन भारी दबाव वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को अपग्रेड किया जाना है. जिसके तहत 6-8 लेन रोड,रिंग रोड, बायपास और ऐलीवेटेड कारीडोर जैसी सड़कें बनाई जा रही है. इस परियोजना के तहत देश में 185 चैक प्वाइंट, 45 बाॅयपास और 30 रिंगरोड बनाया जाना है। जिनमें मध्यप्रदेश में इंदौर, जबलपुर और सागर और शिवपुरी शामिल थे, बाद में ग्वालियर और भोपाल को शामिल किया गया है.
एमपी के 5 बड़े शहरों के रिंग रोड से होगा ये फायदा
इंदौर - इंदौर का आधा रिंग रोड पहले ही तैयार हो चुका था,अब इंदौर के पश्चिमी हिस्से को रिंगरोड के जरिए आगरा-मुंबई ( एनएच-52) से जोड़ा जाएगा.
भोपाल - यहां की रिंगरोड का काम लगभग पूरा हो चुका है, फिलहाल मंडीदीप से इंदौर रोड तक रिंग रोड का कार्य चल रहा है. ये रिंग रोड भोपाल- औबेदुल्लागंज (एनएच-64) और भोपाल देवास (स्टेट हाइवे -28) को जोड़ेगी.
जबलपुर - जबलपुर शहर की प्रस्तावित रिंग रोड जबलपुर-रीवा (एनएच-30) जबलपुर-दमोह (एसएच-55),जबलपुर-भोपाल (एनएच-45),जबलपुर-नागपुर (एनएच-30),जबलपुर-मण्डला (एनएच-30) और जबलपुर-अमरकंटक (एनएच-45) को जोड़ेगी.