सागर।देश के सभी मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य केंद्रों के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल मेडिकल कमीशन एनएमसी (NMC) का गठन किया है. जिसका उद्देश्य मेडिकल एजुकेशन में गुणवत्ता लाना है. मेडिकल एजुकेशन में सुधार के लिए एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर, डॉक्टर्स और अन्य कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक अटेंडेंस की अनिवार्यता कर दी है. इसके तहत हर कर्मचारी को इन और आउट पंच करना होगा, जिसमें करीब 8 घंटे का अंतर होगा और उससे संबंधित सारा डाटा वेबसाइट पर सार्वजनिक होगा.
बायोयोमेट्रिक अटेंडेंस से सारा डाटा सार्वजनिक होने का डर
एनएमसी के इस फरमान के विरोध चिकित्सा शिक्षक संघ मैदान में उतर आया है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के एन्सेथीसिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.सर्वेश जैन का कहना है कि नेशनल मेडिकल कमीशन एक रेगुलेटरी कमीशन है, जो मेडिकल एजुकेशन की गुणवत्ता नियंत्रित करने के लिए कानून के तहत बनाया गया है. हमारी परेशानी ये है कि एनएमसी बायोयोमेट्रिक अटेंडेंस के जरिए सुबह शाम पंच इन और पंच आउट पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. ये हमारी निजता में दखल है. क्योंकि जब हम थंब इंप्रेशन करते हैं तो टर्म एंड कंडीशन का बटन आता है, जिसको क्लिक करने के बाद थंब इंप्रेशन लिया जाता है. बडा सवाल डाटा सिक्योरिटी से जुडा है.