रुद्रप्रयाग:जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए रुद्रप्रयाग के कांडा भरदार निवासी सूबेदार आनंद सिंह रावत को सैन्य सम्मान के साथ आज अंतिम विदाई दी गई. पैतृक घाट सूर्यप्रयाग में हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कांडा भरदार पहुंचा तो परिजन बिलख उठे. शहीद आनंद की पत्नी, मां, भाई और बच्चों सहित अन्य परिजनों को पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के बाद पार्थिव शरीर सूर्यप्रयाग घाट लाया गया. यहां गमगीन माहौल में सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई.
बुधवार को शहीद का पार्थिव शरीर ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग दोपहर डेढ़ बजे उनके गांव कांडा भरदार लाया गया. 6 ग्रेनेडियर के सीओ हितेष वशिष्ट और मेजर निखिल की मौजूदगी में 30 सदस्यीय दल द्वारा शहीद के पार्थिव शरीर को गांव में लाते ही माहौल गमगीन हो गया. यहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे. जैसे ही सेना के जवानों द्वारा तिरंगे में लिपटा शहीद के पार्थिव शरीर का ताबूत गांव पहुंचा तो गांव में कोहराम मच गया. शहीद की पत्नी, मां और बच्चों ने रो-रोकर बुरा हाल कर दिया. शहीद की मां, पत्नी और बच्चों ने रोते बिलखते शहीद के पार्थिव शरीर के दर्शन किए. साथ ही पार्थिव शरीर पर लिपट गए.
रोते बिलखते परिवार ने अंतिम दर्शन करने के साथ ही गांव के लोगों ने दर्शन किए और इसके बाद सेना के जवानों के साथ ही बड़ी संख्या में जन सैलाब के साथ 'भारत माता की जय, शहीद आनंद सिंह अमर रहे, जब तक सूरज चांद रहेगा आनंद तेरा नाम रहेगा, आनंद तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान' के नारों के बीच पार्थिव शरीर को पैतृक घाट सूर्यप्रयाग लाया गया. यहां पर 6 ग्रेनेडियर के अफसरों एवं प्रशासनिक अफसरों ने पुष्प चक्र के साथ श्रद्धांजलि दी. इसके बाद पार्थिव शरीर को चिता में रखा गया, जिसके बाद बड़े बेटे मनीष और शहीद के भाई कुंदन सिंह रावत ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.