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DTC बस मार्शलों के मुद्दे पर हंगामा जारी, CM आतिशी बोलीं- BJP हुई Expose अब बस मार्शलों को नियुक्ति पत्र दिलाएं - Delhi Bus marshals reinstatement - DELHI BUS MARSHALS REINSTATEMENT

Bus marshal issue in Delhi: दिल्ली में डीटीसी बस मार्शलों की बहाली का मुद्दा गरमाया हुआ है. बहाली को लेकर बस मार्शल प्रदर्शन कर रहे.

बस मार्शलों के मुद्दे पर सचिवालय से लेकर राजनिवास तक हंगामा
बस मार्शलों के मुद्दे पर सचिवालय से लेकर राजनिवास तक हंगामा (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2024, 4:50 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में डीटीसी बसों में मार्शलों की बहाली को लेकर शनिवार को दिल्ली सचिवालय से लेकर राजनिवास के अंदर व बाहर हंगामा हुआ. आज सुबह निर्धारित समय पर मुख्यमंत्री से मुलाकात के लिए नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा विधायक दिल्ली सचिवालय पहुंचे तो वहां पर मुख्यमंत्री और मंत्री समेत डीटीसी बसों से हटाए गए मार्शल भी थे. इन सबकी मौजूदगी में एक बैठक हुई.

बैठक के दौरान नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने मुख्यमंत्री से कहा कि अगर सरकार वाकई DTC बस मार्शलों को लेकर गंभीर है तो इस संबंध में कैबिनेट में प्रस्ताव पास क्यों नहीं कराया जाता है. सरकार कैबिनेट से पारित प्रस्ताव लेकर उपराज्यपाल के पास भेजे. तब आतिशी ने कहा कि अगर ऐसा करने से बस मार्शलों की नौकरी बहाल हो जाती है तो वह अभी कैबिनेट की मीटिंग बुलाती है, ऐसा उन्हें अधिकार है. चार मंत्रियों की मौजूदगी में फिर हटाए गए डीटीसी बस मार्शलों की बहाली के लिए कैबिनेट नोट पर सबने हस्ताक्षर कर दिए.

उसके बाद मुख्यमंत्री ने बीजेपी विधायकों से कहा कि वह अभी इसे साथ लेकर उपराज्यपाल से मिलें और वहां से मंजूरी दिला दें. जिस पर बीजेपी विधायक तैयार नहीं हुए और वह बैठक से उठकर जाने लगे. दिल्ली सचिवालय के जिस मीटिंग हॉल में बैठक हो रही थी, उसमें आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह, दिलीप पांडेय भी मौजूद थे. उन्होंने बीजेपी विधायकों का रास्ता रोका और वह नीचे जमीन पर लेट गए. हालांकि, बाद में जब बीजेपी विधायक उपराज्यपाल के पास जाने के लिए तैयार हो गए.

आम आदमी पार्टी के विधायक जरनैल सिंह, दिलीप पांडेय ने बीजेपी विधायकों का रास्ता रोका और वह नीचे जमीन पर लेट गए. (ETV BHARAT)

'"भाजपा के विधायक दल ने कल मुझसे समय मांगा था मैंने उनको मिलने का समय दिया. हमने उनको विस्तार से समझाया कि किस तरह से भर्तियों के मामले के सारे अधिकार LG और केंद्र सरकार के पास है.बस मार्शल भी इस बात को जानते हैं. भाजपा के विधायक बस मार्शल को बरगलाने की कोशिश कर रहे थे और झूठ बोल रहे थे कि ये काम चुनी हुई सरकार ने रोका है. आज भाजपा का पूरा विधायक दल बेनकाब हो गया. AAP की पूरी सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि हमें जो फैसला लेने की जरूरत है वो हम लें लेंगे और जो LG ने कराना है वो भाजपा कराए. भाजपा LG साहब से कुछ भी कराने को तैयार नहीं है. भाजपा केवल राजनीति कर रही है. भाजपा के लोग एक बार भी LG के पास बोलने को तैयार नहीं थे कि इस प्रस्ताव को पास कर दें. जो काम हमारी सरकार को करना था हमने कर दिया. अब बॉल भाजपा के पाले में हैं मेरी अपील है कि कैबिनेट ने पास कर दिया है. अब भाजपा उनको नियुक्ति पत्र दिलाए"-आतिशी, दिल्ली सीएम

बस मार्शलों की नियुक्ति का पूरा अधिकार एलजी के पास: उपराज्यपाल सचिवालय जाने से पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में नियुक्ति का पूरा अधिकार उपराज्यपाल के पास है. लेकिन इसके बाद भी बीजेपी विधायकों ने कहा कि मार्शलों की बहाली के प्रस्ताव पास किए जाए, इसके बाद तुरंत ही कैबिनेट की मीटिंग बुलाई गई और बस मार्शलों की बहाली का प्रस्ताव कैबिनेट ने हाथों-हाथ पास कर दिया. अब उस प्रस्ताव को लेकर सीएम आतिशी व बीजेपी नेता एलजी के पास गए. उनके साथ पीछे से मंत्री सौरभ भारद्वाज, मुकेश इलाहाबाद, इमरान हुसैन भी अन्य विधायकों के साथ एलजी सचिवालय पहुंचे, लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया.

एलजी से मिलने BJP विधायकों के साथ अकेली गई सीएम आतिशी, हो सकता है साजिश: उपराज्यपाल सचिवालय में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज को एंट्री नहीं दी गई, जिस पर उन्होंने एतराज जताया. उन्होंने कहा कि मंत्रियों को अंदर जाने से रोकना एक बड़ी साजिश है. आम आदमी पार्टी के विधायक ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल सचिवालय में भाजपा विधायकों के साथ अकेली महिला मुख्यमंत्री अंदर है. उन्होंने इस पर चिंता जताई और कहा कि उनकी सिक्योरिटी तक को अंदर नहीं जाने दिया गया, यहां साजिश की बू आ रही है.

बस मार्शलों की मजबूरी क्यों नहीं समझते हैं उपराज्यपाल: बीजेपी विधायकों के साथ पहुंचे बस मार्शल भी थोड़ी देर बाद उपराज्यपाल सचिवालय से बाहर आए. उन्होंने कहा कि सचिवालय के अंदर उन्हें बैठक से बाहर कर दिया गया है. आखिर उपराज्यपाल क्यों नहीं बस मार्शलों की मजबूरी समझते हैं.

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