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आरएसएस के नगर संघचालक से 18 लाख की ठगी, बेटे की किडनैपिंग का रचा नाटक - RSS Nagar Sanghchalak cheated

कासगंज में आरएसएस के नगर संघचालक से 18 लाख रुपये की ठगी की गई. पीड़ित ने इस मामले में थाने में शिकायत दर्ज कराई है. लेकिन, पुलिस ने कार्रवाई नहीं की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2024, 10:45 PM IST

आरएसएस के नगर संघचालक राकेश परासर ने दी जानकारी

कासगंज: जिले में साइबर ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने वाट्सएप कॉल पर एक व्यक्ति के पुत्र के अपहरण का झूठा नाटक रचा और पिता से 18 लाख अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए. पीड़ित शुक्रवार रात से थाने के चक्कर काट रहा है. लेकिन, इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. शनिवार को पीड़ित ने साइबर क्राइम में शिकायत दर्ज कराई.

मामला जिले के अमांपुर थाना क्षेत्र का है. साइबर ठगों ने आरएसएस के नगर संघचालक राकेश पारसर को वाट्सएप कॉल के माध्यम से उनके बेटे के अपहरण की बात कही. पीड़ित राकेश परासर ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका इकलौता बेटा दिल्ली में रहकर ज्यूडीशियली की तैयारी कर रहा है. शुक्रवार सुबह लगभग 10 बजे एक अंजान नंबर से उन्हें वाट्सएप पर कॉल आई. कॉल करने वाले शख्स ने कहा कि तुम्हारा बेटा हमारे पास है. बेटे को जिंदा चाहते हो तो 18 लाख हमारे खाते में डाल दो. पुलिस को भूल कर भी मत बताना. नहीं तो उसे जान से मार देंगे. इतना ही नहीं वाट्सएप कॉल पर ही ठग ने नगर संघचालक राकेश पाराशर को बेटे की आवाज में किसी से बात कराई. उधर से बेटे ने रोते हुए कहा-पापा मुझे बचा लों. मुझे इन लोगों ने किडनैप कर लिया है. ठगों ने कहा कि तुम्हारे बेटे का मोबाइल हमारे पास ही है. अगर उसे कॉल किया तो हम कॉल नहीं उठाएंगे, उसे सीधा जान से मार देंगे.

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इसके बाद राकेश परासर के पैरों तले जमीन खिसक गई. साइबर ठगों ने उन्हें बातों में फंसा कर बेटे को छुड़ाने के नाम पर छह-सात बार में 18 लाख रुपये अपने अलग-अलग बैंक खातों में डलवा लिए. पीड़ित राकेश परासर ने बताया कि पैसे भेजने के बाद जब नोएडा से मेरी बड़ी बेटी का फोन आया और उसने बताया कि मेरी विशाल से बात हुई है. वह तो अपने कमरे में ही है. तब उन्हें समझ आया कि उनके साथ ठगी हुई है. इसके बाद पीड़ित राकेश पारसर ने कोतवाली अमापुर में मामले की शिकायत की. लेकिन, पुलिस द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. इसके बाद आज पीड़ित ने ठगी की शिकायत साइबर अपराध पोर्टल पर की और कोतवाली पुलिस को इसकी लिखित सूचना दी.

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