देहरादून:प्रदेश में तमाम जलाशयों को लेकर सिल्ट का जमाव एक बड़ी समस्या रहा है. ऐसे में तमाम जलाशयों से सिल्ट हटाने के लिए बेहतर नीति की भी जरूरत महसूस की गई है. जिसे देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जलाशयों की डिसिल्टिंग को रॉयल्टी फ्री करने के लिए पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए. यह निर्देश उन्होंने व्यय वित्त समिति की बैठक में दिए.
जलाशयों में पर्यटन गतिविधि और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की कोशिश:उत्तराखंड के जलाशयों में अत्यधिक सिल्ट जमाव की समस्या के समाधान, इन जलाशयों में पर्यटन गतिविधियों और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में बेहतरी के लिए इस नीति को बनाया जाएगा. इसके लिए संबंधित विभागों से सिंचाई विभाग को अनापत्ति लेने के लिए भी कहा गया है.
ये भी स्पष्ट किया गया है कि बौर और हरिपुरा जलाशयों के सिल्ट का कमर्शियल इस्तेमाल न होने की दशा में सिल्ट उठान को रॉयल्टी फ्री नीति तैयार किया जाएगा. इसके लिए सिंचाई विभाग को 15 दिन का समय देते हुए वन विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं. बैठक के दौरान सीएस राधा रतूड़ी ने सिंचाई विभाग के माध्यम से उधमसिंह नगर जिले के गदरपुर में बाबा डल मंदिर से बौर जलाशय और गुलरभोज-कूल्हा तिलपुरी वन बैरियर तक कंक्रीट सड़क निर्माण कार्य का वित्तीय अनुमोदन भी दिया.