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20 करोड़ के 'सफेद जहर' पर बड़ा एक्शन, बिहार में कई थानों की पुलिस ने एक साथ बोला धावा - OPIUM CROP DESTROYED IN ROHTAS

रोहतास पुलिस की बड़ी रेड हुई. 10 एकड़ की अफीम की खेती की कीमत 20 करोड़ बताई जा रही है. जिसपर ट्रैक्टर चला. पढ़ें खबर

Opium crop destroyed in Rohtas
रोहतास में अफीम की फसल नष्ट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 4, 2025, 3:43 PM IST

रोहतास : कभी रेड कॉरिडोर के नाम से मशहूर रोहतास के पहाड़ी क्षेत्र में नक्सलियों की धमक हुआ करती थी, बंदूकें गरजा करती थीं. पर अब यह इलाका नशे के सौदागर का रूप ले चुका है. यानी अब सोन दियारा क्षेत्र में कई एकड़ में अफीम के फसल की खेती हो रही थी. जिसपर एसपी रौशन कुमार के निर्देश पर तेज तर्रार पुलिस टीम ने विशेष रणनीति बनाई और फिर मेगा ड्राइव चलाया.

रोहतास में अफीम की फसल नष्ट : मिली जानकारी के मुताबिक नौहट्टा इलाके के सोन टीले पर कई एकड़ में कच्ची अफीम की फसल की खेती हो रही थी. रोहतास के एसपी रौशन कुमार के निर्देश पर अहले सुबह कई थानों की पुलिस टीम ने धाबा बोला. पुलिस के जवानों की लगाकर कार्रवाई के दौरान युद्धस्तर पर ट्रैक्टर से इसे नष्ट कर दिया गया.

अफीम की खेती पर चला ट्रैक्टर (Etv Bharat)

गुप्त सूचना पर एसपी ने लिया संज्ञान :जानकारी के अनुसार, सोने के टीले पर हो रहे अफीम की खेती की फसल को लेकर रोहतास एसपी रौशन कुमार को गुप्त सूचना मिली थी. जिसके बाद एसपी ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए पहले विशेषज्ञों की टीम को भेजा. फिर पूरी तरह से जांच के बाद छापेमारी की कार्रवाई हुई और ट्रैक्टर से कई एकड़ में लगे अफीम की कच्ची फसल को नष्ट किया गया.

''मिले इनपुट पर 20 करोड़ के आस-पास अफीम की फसल को नष्ट किया गया है. अभी कार्रवाई जारी है. पुलिस जांच कर रही है कि खेत किसका है, कौन मालिक है, इस धंधे में कौन लोग संलिप्त हैं, कहां से तार जुड़े हैं?''- रौशन कुमार, एसपी, रोहतास

रोहतास पुलिस का बड़ा एक्शन (Etv Bharat)

पहले भी लिया जा चुका है एक्शन : बताया जाता है कि नक्सल प्रभावित इलाके में अफीम की खेती को लेकर यह पुलिस की बड़ी कार्रवाई पहली बार नहीं है. 2010-11 में भी तत्कालीन एसपी रहे मनु महाराज ने पहाड़ी पर हंसडी गांव में भी करीब 5 एकड़ में हो रहे अफीम की फसल को नष्ट करवाया था. मामले में राम आशीष यादव पर अफीम की खेती करवाने का आरोप लगा था व प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी.

नक्सलियों और उग्रवादियों की नजर :बता दें कि अफीम की फसल से करोड़ों की कमाई होती है. जिसका एक बड़ा हिस्सा नक्सलियों और उग्रवादियों तक पहुंचता है. अफीम एक ऐसी नशीली फसल है जिसका इस्तेमाल नशे के लिए होता है. अफीम से ही ब्राउन शुगर जैसा घातक मादक पदार्थ बनता है.

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