लखनऊ:समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) का पेपर आउट का मास्टरमाइंड डॉ. शरद यूपी एसटीएफ के हत्थे चढ़ा है. रविवार को एसटीएफ ने शरद को उसके साथियों संग लखनऊ से गिरफ्तार किया है. एसटीएफ के मुताबिक, शरद ने प्रयागराज के एक परीक्षा केंद्र से पेपर आउट करवाए थे. इसके बाद लखनऊ में अभ्यर्थियों को उत्तर रटाया गया था. इसमें उसका साथ कई स्कूल प्रबंधकों ने दिया था.
एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि RO-ARO परीक्षा का पेपर लीक मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई थी. इसके बाद से ही इस पेपर लीक कांड के मास्टरमाइंड डॉ. शरद की तलाश थी. सूचना मिली थी कि शरद आज लखनऊ के एक स्कूल प्रबंधक अभिषेक शुक्ला व प्रयागराज में स्कूल मैनेजर कमलेश पाल से मिलने वाला है. इन्हीं तीनों ने पेपर आउट करने की पूरी योजना बनाई थी. एसटीएफ ने पहले से ही जाल बिछा कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया.
एएसपी एसटीएफ के मुताबिक मूल रूप से मिर्जापुर के रहने वाला डॉ. शरद सिंह पटेल वीडीओ परीक्षा-2019 में में धांधली करने के आरोप में जेल जा चुका है. उसने जीडी मेमोरियल पब्लिक स्कूल पारा लखनऊ के प्रबंधक सौरभ शुक्ला के साथ मिलकर आरओ-एआरओ परीक्षा 2023 का पेपर परीक्षा केन्द्र से आउट कराने की योजना बनाई थी. सौरभ शुक्ला ने एसपी ब्लू स्टार पब्लिक स्कूल झूंसी, प्रयागराज के मैनेजर कमलेश पाल को इस योजना में शामिल किया. पेपर लीक करने के लिए तीनों की लखनऊ में ही मीटिंग होती थी. एसटीएफ के मुताबिक कमलेश ने शरद व सौरभ को बताया कि प्रयागराज के विशप जॉनसन गर्ल्स स्कूल एण्ड कॉलेज में परीक्षा कार्य देखने वाले अर्पित विनीत यशवंत से उसकी सेटिंग हैं, जो परीक्षा केंद्र पर पेपर पहुंचने के बाद पेपर आउट कर व्हाटसएप पर भेज देंगा. अर्पित विनीत यशवंत ने कमलेश कुमार पाल से 5 लाख रूपये में पेपर आउट कराना तय किया था और एक लाख रूपये एडवांस में लिया था।