पटनाःकांग्रेस नेता पप्पू यादव पूर्णिया से निर्दलीय नामांकन कर चुके हैं. दूसरे चरण में 29 अप्रैल को चुनाव होना है. इसी बीच राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पार्टी का विरोध करते हुए पप्पू यादव का अपना समर्थन कर दिया. शुक्रवार को देवेंद्र यादव ने पूर्णिया में प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने इस दौरान राजद और लालू यादव के खिलाफ कई खुलासे किए.
RSS विरोधी पार्टी का ये हाल: देवेंद्र यादव ने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर टिकट वितरण में व्यवसायीकरण करने और गलत तरीके से टिकट देने का भी आरोप लगाया. देवेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी के मर्यादा कुछ भी नहीं बचता दिखा है. उन्होंने कहा कि जो पार्टी RSS और भाजपा का विरोध कर रही है उसी के नेता को बुला बुलाकर टिकट दे रही है. कहा कि इस समय लालू जी को कुछ भी नहीं दिख रहा.
"टिकट बंटवारे के तौर तरीकों से हम आश्चर्यचकित हो गए. लालू यादव खीड़ और खिचड़ी एक ही बर्तन में एक ही समय पका रहे हैं. दोनों में किसी का स्वाद नहीं आएगा. हमने कहा था कि जो बचा हुआ सीट है उसे व्यवसायीकरण नहीं किया जाए लेकिन आज तक हमें जवाब नहीं मिला. RSS से नफरत करने वाले लालू यादव भाजपा से आने वाले नेता को टिकट दे रहे हैं लेकिन अपनी पार्टी के नेता को नहीं दे रहे हैं. आज हम पप्पू यादव का समर्थन करने आए हैं. कल जरूरत पड़ी तो सिवान में हेना शहाब का भी समर्थन करेंगे."-देवेंद्र यादव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, RJD
जीत दिलाने वाले उम्मीदवार को नहीं मिला टिकटः उन्होंने कहा कि तीन अप्रैल को एक पत्र राजद सुप्रीमो लालू यादव को लिखा है, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला. संसदीय बोर्ड की मीटिंग में कहा गया था कि महागठबंधन में जो उम्मीदवार अपने क्षेत्र से जीत दिलवा सकते हैं वैसे लोगों को टिकट दें. लेकिन ऐसा नहीं किया. पप्पू यादव पूर्णिया से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में अपनी पार्टी का विलय किया लेकिन वहां से राजद ने अपना उम्मीदवार उतार दिया जो बिलकुल गलत था.
'बीमा भारती की कोई पहचान नहीं': देवेंद्र यादव ने कहा कि राजद ने पूर्णिया से ऐसे उम्मीदवार (बीमा भारती) को उतारा जिसकी पहचान नहीं है. ना तो पूर्णिया से पप्पू यादव को टिकट दिया गया न ही सिवान से हेना शहाब को टिकट दिया गया. उन्होंने कहा कि वह खुलेआम पप्पू यादव और हेना शहाब को समर्थन कर रहे हैं. कहा कि आगे जरूरत पड़ी तो हेना शहाब का समथर्न करने के लिए सिवान जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जो मनुवादी विरोधी थे वे अब मनी के पीछे जा रहे हैं.