पटना :बिहार विधानसभा में आज अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई. राजद विधायक भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की सीट के पास जाकर खड़ा हो गए. विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने भाई वीरेंद्र और राजद विधायकों को कड़ी चेतावनी दी. हालांकि बाद में भाई वीरेंद्र ने कहा कि हम मुख्यमंत्री की सीट पर बैठे नहीं थे, सचेत करने के लिए सिर्फ खड़ा हुए थे. लेकिन यह मामला अब तूल पकड़ लिया है.
''हम मुख्यमंत्री की सीट पर बैठे नहीं थे, सिर्फ अलर्ट करने गए थे कि जिसे जहां स्थान मिला है, वहां बैठे. नहीं तो हम लोग भी मंत्री के स्थान पर जाकर बैठ जाएंगे.''-भाई वीरेंद्र, राजद विधायक
'काफी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे' : वैसे जिस दौरान विधानसभा में यह हंगामा हुआ उसवक्त विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव काफी गुस्से में दिखे. विधानसभा अध्यक्ष ने चेतावनी देते हुए राजद विधायक भाई वीरेंद्र को कहा कि इसके काफी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. यह कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
''यह तो साफ गुंडागर्दी है. बिहार की जनता देख रही है और 2025 में इसका जवाब देगी. यह किस तरह का आचरण है. इससे सदन की गरिमा प्रभावित होती है.''-जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
बागी विधायकों के सत्ता पक्ष की तरफ बैठने पर विवाद : दरअसल, मामला विधायकों के अपने स्थान पर बैठने का है. राजद के आलोक मेहता ने विधानसभा अध्यक्ष से जानना चाहा कि जिन विधायकों का सीट तय है, वहां क्यों नहीं बैठते हैं. राजद, कांग्रेस के कई बागी विधायक जिसमें चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव, संगीता कुमारी, मुरारी गौतम सत्ता पक्ष की तरफ जाकर बैठ रहे हैं. इस पर क्या कार्रवाई हो रही है?
'विधानसभा के लिए दुर्भाग्यपूर्ण' : यह मामला तूल पकड़ लिया. फिर क्या था, इसी के बाद भाई वीरेंद्र मुख्यमंत्री की सीट के पास जाकर खड़ा हो गये. जदयू के विधायक डॉ संजीव ने कहा कि इससे पहले इस तरह की घटना नहीं हुई. यह विधानसभा के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है.