जयपुर: भजनलाल सरकार में होने वाले राइजिंग राजस्थान को लेकर सियासत तेज है. कांग्रेस लगातार समिट पर सवाल उठाते हुए भजनलाल सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. पहले पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इसे सर्कस करार दिया तो, उसके बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि प्रदेश में बालिकाओं के साथ हिंसा की घटना हो रही है और सरकार विदेश घूमने में लगी है.
गहलोत और जूली के आरोपों पर उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पलटवार किया. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूर्ववर्ती सरकार के समय से बेहतर है. रही बात सर्कस की तो कांग्रेस सरकार पुलिस के पहरे में होटलों में बंद थी, उसे सर्कस कहते हैं. हमारी सरकार ने राजस्थान में अब तक 12 लाख 50 हजार करोड़ के एमओयू कर लिए हैं.
कांग्रेस के आरोपों पर बोले राज्यवर्धन राठौड़... (ETV Bharat Jaipur) सर्कस तो कांग्रेस सरकार में हुआ : उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में शांति का माहौल है. हमारा प्रयास है कि इसे और बेहतर बनाएं. कानून-व्यवस्था बेहतर हो, इसको लेकर दिन रात काम किया जा रहा है. जो प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें पहले अपने शासन काल को देख लेना चाहिए. राठौड़ ने कहा कि जो सरकार ने अपने कार्यकाल के चौथे वर्ष में इन्वेस्टमेंट समिट करे, उसमें करोड़ों रुपए खर्च हो और उसका नतीजा कुछ नहीं निकले ते सर्कस इसे कहते हैं.
जो सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं समझे और सुशासन व्यवस्था देने की बजाय बार-बार 5 सितारा होटल में जाकर अपने आपको पुलिस से घेर ले, सर्कस तो वह होता है. जिस सरकार के मंत्री और विधायक विधानसभा में जब चर्चा हो, बालिका या महिला दुष्कर्म की तो कहें कि यह तो मर्दों का प्रदेश है, इसे सर्कस कहते हैं. राठौड़ ने कहा कि यह सर्कस नहीं कि पहले साल में केंद्र के चुनाव होने के बावजूद यह संकल्प ले और बीड़ा उठाए कि हम इन्वेस्टमेंट लेकर आएंगे, राजस्थान को आर्थिक समृद्ध बनाएंगे. इसे सर्कस नहीं कहते हैं. जब हम कुर्सी पर हैं तब हम अपनी जिम्मेदारी नहीं छोड़ सकते. उनके बोलने से सर्कस नहीं होता है. जो बोल रहे हैं वह सर्कस के आदी हो चुके हैं. इसलिए उसे सर्कस की बात कर रहे हैं. हम प्रदेश को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के संकल्प के साथ काम कर रहे हैं.
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12 लाख 50 हजार करोड़ के एमओयू : राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि अब तक राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के तहत 12 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश हो चुका है. राजस्थान सरकार ने सरकार बनते ही प्रदेश में निवेश के लिए काम शुरू किया है और इन सभी निवेशों को सरकार के कार्यकाल के दौरान जमीन पर उतारेंगे. पिछली सरकार की तरह केवल एक साल बाकी रहने पर कागजी निवेश किए.
पूर्ववर्ती सरकार के निवेशकों को लेकर राठौड़ ने कहा कि पुराने निवेश को दिए प्रस्ताव देने वाले निवेशक भी अगर आकर सरकार से इच्छा जाहिर करेंगे तो सरकार उसे भी पूरी तरह से मदद करेगी. हमारी सरकार प्रदेश को मजबूत बनाने के लिए काम कर रही है. पहले वर्ष में हो रहे राइजिंग राजस्थान समिट का हर एक एमओयू धरातल पर दिखेगा. नए जिलों की हो रही समीक्षा को लेकर राठौड़ ने कहा कि पिछली सरकार ने आनन-फानन में बिना कुछ सोचे समझे जिसे चाहा, उसे जिला बना दिया. हमारी सरकार ने आते ही इस पर रिव्यू किया है. एक जिले को बनने में हजारों करोड़ रुपये चाहिए होते हैं. सरकार पूरी तरह से सोच-समझकर इस पर फैसला करेगी.