भोपाल। इस समय मध्य प्रदेश सहित देश के स्कूलों में एडमीशन की प्रक्रिया चल रही है. जगह-जगह स्कूलों के होर्डिंग्स और पोस्टर्स लगे हुए हैं. हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छे स्कूल में पढ़ें. वह होर्डिंग्स और पोस्टर्स को देखकर और अपने जान पहचान वालों से स्कूलों के बारे में जानकारी भी ले रहे हैं. अमीर लोग तो अपने बच्चों को अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ा सकते हैं, लेकिन दिक्कत है मिडिल और गरीब तबके के परिवार वालों को. दरअसल आजकल सरकारी स्कूलों में पढ़ाई ठीक से होती नहीं, वहीं प्राइवेट स्कूलों की फीस ज्यादा है. ऐसे में मां बाप चिंता में हैं कि वह कम फीस में अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ाए कैसे. ऐसे पेरेंट्स की चिंता दूर करने के लिए केंद्र सरकार राइट टु एजुकेशन (RTE) योजना लेकर आई है. जिसके तहत मिडिल क्लास फैमिली भी अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिला सकती है.
क्या है RTE योजना
भारत सरकार 2005 में RTE (शिक्षा का अधिकार) योजना एक्ट लाई थी. इस कानून के मुताबिक देश के हर बच्चे को शिक्षा लेने का फंडामेंटल राइट है. भारत सरकार ने 6 से 14 साल की उम्र के हर बच्चे को फ्री और अनिवार्य शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार दिया है. सरकार भारत सरकार ने 4 अगस्त 2009 को इस एक्ट को बनाया और 1 अप्रैल, 2010 को इसे लागू किया गया. इस योजना के तहत प्राइवेट स्कूल में 25% सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखनी होती हैं, ताकि प्रत्येक बच्चे को मुफ्त शिक्षा प्राप्त हो सके.
एमपी में आवेदन प्रक्रिया की तारीख
मध्य प्रदेश में RTE के तहत एडमीशन की प्रक्रिया 23 फरवरी से 3 मार्च तक थी. सैंकड़ों लोगों ने अपने बच्चों के एडमीशन के लिए फॉर्म भरे. जिसके बाद से ही सभी को लॉटरी खुलने का इंतेजार था. राजधानी सहित पूरे प्रदेश में शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चों को मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश हेतु स्कूल शिक्षा मंत्री द्वारा 14 मार्च 2024 को ही बच्चों को उनकी पात्रता एवं उनके द्वारा चॉइस में भरे गए स्कूल में प्रवेश दिया गया है. जिसके तहत बच्चों को कक्षा 8 तक की नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. वहीं देश के अन्य राज्यों में आवेदन फॉर्म 13 मार्च 2024 से 23 मार्च 2024 तक भरे जाएंगे.