दंतेवाड़ा: नक्सलगढ़ में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन लगातार कामयाब हो रहा है. इसका असर नक्सलवाद पर भी पड़ रहा है. अब कई माओवादी खून खराबे का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल हो रहे हैं. सोमवार को दंतेवाड़ा में तीन नक्सलियों ने सरेंडर किया है. इनमें दो नक्सली इनामी हैं. इनके ऊपर दो दो लाख रुपये के इनाम घोषित थे.
तीन नक्सलियों ने नक्सलवाद से किया तौबा: सरेंडर करने वाले तीनों नक्सलियों ने नक्सलवाद से तौबा कर लिया है. माओवादियों की खोखली नीति और मार काट की घटनाओं से ये नक्सली परेशान थे. जिसकी वजह से इन्होंने सरेंडर करने का फैसला लिया. दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय और एएसपी रामकुमार बर्मन के मार्गदर्शन में इन्होंने आत्मसमर्पण किया है.
सरेंडर करने वाले नक्सलियों के बारे में जानिए: सरेंडर करने वाले नक्सलियों में आयता उर्फ नंदू माड़वी शामिल है. यह मलांगेर एरिया कमेटी में कार्यरत था. इसके ऊपर दो लाख रुपये का इनाम घोषित है. इसके अलावा माओवादी जगदीश के गार्ड हिड़मा माड़वी ने भी सरेंडर किया है. इसके ऊपर भी दो लाख रुपये का इनाम घोषित था. आत्मसमर्पण करने वाले तीसरे नक्सली का नाम देवा हेमला है. वह आरपीसी मिलिशिया सदस्य के रूप में कार्यरत था. उसने भी हथियार डालने का फैसला लिया.
लोन वर्राटू अभियान का असर: दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान की मुहिम रंग ला रही है. यहां अब तक 204 इनामी नक्सलियों ने इस अभियान के तहत आत्मसमर्पण किया है. इसके अलावा कुल 880 नक्सली इस अभियान के तहत सरेंडर कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.