जबलपुर: एमडी-एमएस कोर्स में एडमिशन के लिए नीट पीजी काउंसलिंग में प्रदेश के रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की मैरिट सूची तैयार की गई. इसे तैयार करने में दूसरी बार नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई गई. इसे चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट जस्टिस सुश्रुत धर्माधिकारी और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन को अनावेदक बनाये जाने के आवेदन को स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किये हैं. युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 3 दिसंबर को निर्धारित की है.
रीवा के डॉक्टर ने दायर की याचिका
रीवा के डॉ अभिषेक शुक्ला और अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि नीट में नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाते हुए पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए मेरिट लिस्ट तैयार की गई थी. प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स की मैरिट लिस्ट तैयार करने में दूसरी बार नॉर्मलाइजेशन प्रोसेस को अपनाया गया. जिसके कारण नीट की मैरिट लिस्ट में अच्छी रेटिंग होने के बावजूद भी प्रदेश की मैरिट लिस्ट में उनका स्थान नीचे हो गया.