लातेहार: जिले के बूढ़ा पहाड़ इलाके में आखिरकार गणतंत्र की जीत हो गई. वर्षों का इंतजार खत्म हुआ. बूढ़ा पहाड़ की तलहटी में बसे गांव में इस साल शान से तिरंगा लहराएगा. झंडोत्तोलन को लेकर ग्रामीण और बच्चे भी उत्साहित हैं.
दरअसल, बूढ़ा पहाड़ इलाके में नक्सली काफी मुखर थे. इस क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण गणतंत्र का मतलब भी नहीं समझते थे. ऐसे में उनके लिए तिरंगा फहराने के बारे में सोचना भी संभव नहीं था. नक्सली इस इलाके में आते थे और काले झंडे लहराते थे. कुल मिलाकर 75 साल बाद भी गणतंत्र इस क्षेत्र तक नहीं पहुंच पाया था. लेकिन इस साल जैसे-जैसे समय बदला, बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में स्थित गांवों और ग्रामीणों की जिंदगी भी बदल गयी है.
देश के 75वें गणतंत्र दिवस को लेकर अन्य शहरों और गांवों की तरह बूढ़ा पहाड़ इलाके के गांवों में भी जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. स्थानीय ग्रामीण निर्मल उरांव और मोहम्मद इस्लाम कहते हैं कि इस साल गणतंत्र दिवस का उत्साह चरम पर है. पहले डर का माहौल था, जिसके कारण लोग झंडा फहराने से भी कतराते थे. लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल गए हैं.
ऑपरेशन ऑक्टोपस के बाद बदल गई स्थिति:पुलिस प्रशासन ने नक्सलियों के खात्मे के लिए बूढ़ा पहाड़ इलाके में ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया. ग्रामीणों के बीच सुविधाएं भी उपलब्ध करायी गयीं. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने ऑपरेशन ऑक्टोपस का नेतृत्व करते हुए बूढ़ा पहाड़ इलाके में रहने वाले ग्रामीणों के मन में पुलिस और प्रशासन के प्रति विश्वास जगाया. नक्सलियों के खिलाफ भी बड़ा ऑपरेशन चलाया गया. जिसके कारण नक्सली इलाका छोड़कर भागने को मजबूर हो गये.