नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव के इस बार के नतीजों ने इस बार विधानसभा का स्वरूप भी बदल दिया है. जहां एक तरफ इस बार विधानसभा में महिला और मुस्लिम विधायकों का प्रतिनिधित्व घटा, तो वहीं सिख विधायकों का प्रतिनिधित्व बढ़ा है. भाजपा को 27 साल बाद जनता ने सत्ता सौंपकर आम आदमी पार्टी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है. 70 सीटों पर जीते प्रत्याशियों में इस बार महिलाओं और मुस्लिम प्रत्याशियों की संख्या कम हो गई है और सिख बाहुल्य अधिकांश सीटों पर वोटरों ने बीजेपी पर भरोसा जताया है. इसी वजह से विजयी प्रत्याशियों में पांच सिख समुदाय के हैं.
इनमें चांदनी चौक से पुनरदीप सिंह साहनी, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, जंगपुरा से तरविंदर सिंह मारवाह, गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली भाजपा के टिकट पर जीते हैं, तो वहीं तिलक नगर से आप के टिकट पर जरनैल सिंह ने तीसरी बार जीत दर्ज की है. साथ ही 2025 की नवगठित विधानसभा में महिलाएं कम संख्या में नजर आएंगी. इस बार 70 सीटों में 5 महिलाएं ही विजयी हुई हैं. इनमें कालकाजी सीट से आम आदमी पार्टी की आतिशी, शालीमार बाग से बीजेपी की रेखा गुप्ता, नजफगढ़ से बीजेपी की नीलम पहलवान, ग्रेटर कैलाश से बीजेपी की शिखा रॉय और वजीरपुर से भाजपा की ही पूनम शर्मा विजयी हुई हैं.
पहले थी यह संख्या:2020 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो मंगोलपुरी से राखी बिड़लान, शालीमार से वंदना कुमारी, त्रिनगर से प्रीति तोमर, राजौरी गार्डन से धनवती चंदेला, हरि नगर से राजकुमारी ढिल्लों, पालम से भावना गौड़ और कालकाजी सीट से आतिशी, यानी सात महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची थीं. हालांकि ऐसा नहीं है कि इस बार पार्टियों ने कम महिलाओं को टिकट दिया था. बल्कि हुआ यह कि आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ने वाली अधिकतर महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. वहीं कोंडली विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी प्रियंका गौतम को भी हार का सामना करना पड़ा है.
यह मौजूदा महिला विधायक हारी चुनाव:इस बार के विधानसभा चुनाव में ये महिलाएं जो हारी जो कि विधायक की भूमिका में थीं. इनमें राखी बिड़लान मादीपुर से, वंदना कुमारी शालीमार बाग से, प्रीति तोमर त्रिनगर से, और धनवंती चंदेला राजौरी गार्डन से चुनाव हार गईं.