पटना : बिहार के पटना हाइकोर्ट में पटना-गया-डोभी नेशनल हाइवे के निर्माण के मामले में वकीलों की टीम ने साइट पर चल रहे निर्माण कार्य का का निरीक्षण कर रिपोर्ट दे दी है. आज विद्युत विभाग के अधिवक्ता के अनुपस्थित रहने के कारण इस मामले की सुनवाई टल गयी.
अधिवक्ता की गौरमौजूदगी से टली सुनवाई : कोर्ट ने विद्युत विभाग के अधिवक्ता को इस राजमार्ग के निर्माण के सबंध में की जा रही कार्रवाई का ब्यौरा देने का निर्देश दिया. अधिवक्ताओं की कमिटी ने इस सम्बन्ध में जो रिपोर्ट पेश किया, उसमें बताया गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग 83 का कार्य की प्रगति अच्छी है. जो भी समस्याएं थीं, उनका समाधान काफी हद तक किया जा चुका है.
हाईकोर्ट ने बनाया एडवोकेट कमिश्नर: कोर्ट ने अधिवक्ता रूना को एडवोकेट कमिशनर नियुक्त करते हुए उन्हें 20 जुलाई 2024 को इस राजमार्ग का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था. उनके साथ केंद्र सरकार के वरीय अधिवक्ता के एन सिंह और राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार को भी निरीक्षण टीम में शामिल किया गया था. अधिवक्ता रूना ने बताया कि निर्माण कार्य में प्रगति हो रही है. जो भी अड़चने थीं, उन्हें काफी हद तक दूर किया जा चुका.
NHAI की प्रगति रिपोर्ट पेश: पिछली सुनवाई में कोर्ट के समक्ष एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत किया था. प्रतिज्ञा नामक संस्था द्वारा दायर इस जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एनएचएआई ने कोर्ट को बताया गया था कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण पर कार्य तेजी से चल रहा है. कोर्ट को बताया गया था कि पटना के पास बीच नाथूपुरा व सरिस्ताबाद के बीच लिंक रोड बनाने की कारवाई हो रही है. इस लिंक रोड बनाने पर कार्य चल रहा है. कोर्ट ने इस पर तेजी से कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
निर्माण कार्य लगभग पूरा : कोर्ट को बताया गया था कि इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क निर्माण का कार्य काफी हद तक पूरा हो गया है. लेकिन इसे पूरी तरह से यातायात चालू करने के लिए डाइवर्जन और लिंक रोड का बनाया जाना है. पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने गया और जहानाबाद जिले के डीएम को निर्देश दिया था कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करें. इससे पूर्व एनएचएआई ने हलफनामा दायर कर धनराशि व्यय किये जाने का ब्यौरा डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडर (डीएफसी) के अधिकारियों को दे दिया था.
5 अगस्त को अगली सुनवाई : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया था कि सड़क निर्माण का काम पूरा हो चुका है, लेकिन लिंक रोड़ नहीं बनने के कारण यातायात चालू नहीं हो पा रहा है. वहां लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 5 अगस्त 2024 को की जाएगी.
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