वाल्मीकि समाज अपनी शर्तों पर अड़ा (ETV Bharat Jaipur) जयपुरःप्रदेश में सफाई कर्मचारियों के 24 हजार 797 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है, लेकिन इस भर्ती को भी 2018 में की गई भर्ती की तरह लॉटरी के आधार पर किए जाने का विरोध किया जा रहा है. मंगलवार को संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ ने विरोध दर्ज कराते हुए स्वायत्त शासन भवन का घेराव किया. सफाई कर्मचारी भर्ती प्रैक्टिकल के आधार पर करने और भर्ती में परंपरागत सफाई कार्य से जुड़े वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग की गई. संगठन ने चेतावनी दी कि यदि तीन दिन में मांगें नहीं मानी तो सफाईकर्मी झाड़ू छोड़ हड़ताल पर चले जाएंगे.
बता दें कि इस साल जनवरी में संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ और डीएलबी डायरेक्टर की अध्यक्षता में बनी समझौता समिति की बैठक में लिखित में समझौता किया गया था कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती मस्टरोल के आधार पर 1 साल के प्रैक्टिकल के बाद की जाएगी. सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने स्वायत्त शासन विभाग पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले हुए समझौते को ताक पर रखकर अब लॉटरी के आधार पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है. यह वाल्मीकि समाज और सफाई कर्मचारियों के साथ धोखा है.
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उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में लॉटरी पद्धति से सफाई कर्मचारियों की भर्ती की गई थी. वह समाज के लिए एक काला अध्याय है. अब फिर से लॉटरी से ही सफाई कर्मचारियों के 24 हजार 797 पदों को भरा जा रहा है. इससे सम्पूर्ण राजस्थान का वाल्मीकि समाज आक्रोशित है. उन्होंने इस भर्ती को प्रैक्टिकल आधार पर कराने, प्रैक्टिकल का समय ज्यादा से ज्यादा 1 वर्ष रखने, प्रैक्टिकल के दौरान अभ्यर्थियों को परिश्रम का भुगतान मस्टरोल से करने, सफाई कर्मचारी भर्ती में प्रैक्टिकल में सफल रहे अभ्यर्थी को 1 वर्ष बाद स्थाई कर्मचारी घोषित करने और परम्परागत सफाई कार्य से जुड़े वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती तो तीन दिन बाद संपूर्ण राजस्थान का सफाई कर्मचारी हड़ताल करते हुए आंदोलन की राह पर उतरेगा. वहीं, विभाग का तर्क है कि उच्च न्यायलय राजस्थान की ओर से जारी आदेश के अनुसार भर्ती की जा रही है. फिर भी कर्मचारियों की मांग राज्य सरकार तक पहुंचाई जाएगी, क्योंकि विभाग अपने स्तर पर कोई फैसला नहीं ले सकता.