लखनऊ : बहुमुखी प्रतिभा की धनी 9 वर्षीय अर्यमा शुक्ला ने अनूठी मिसाल पेश की है. 11 दिसंबर को गीता जयंती के मौके पर मात्र 2 घंटे 5 मिनट में पूरी श्रीमद्भागवत् गीता के श्लोकों का सस्वर गायन कर नया कीर्तिमान बनाया. इंग्लैंड की वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस में उनका नाम दर्ज हो चुका है. ईटीवी भारत के साथ अर्यमा ने इस उपलब्धि को साझा किया, और सफलता के पीछे की कहानी के बारे में भी बताया...
अर्यमा ने बताया सफलता का राज. (Video Credit; ETV Bharat) आज के समय में अंग्रेजी भाषा को पढ़ाई और बोलचाल का जरिया बनाया जा रहा है. वहीं लखनऊ की रहने वाली 9 साल की अर्यमा शुक्ला इससे अलग हैं. छोटी सी उम्र में हिंदू धर्म के सबसे बड़े ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता को उसने पूरी तरह संस्कृत में कंठस्थ याद कर लिया है. हिंदू धर्म के दूसरे देवी-देवताओं से जुड़े स्तुति ज्ञान एवं उनके आरती को भी उसने संस्कृत में याद कर रखा है.
26 दिसंबर को मिला अवार्ड :राजधानी के त्रिवेणी नगर में रहने वाली अर्यमा शुक्ला को 2250 के करीब संस्कृत के श्लोक याद हैं. वह इसे फर्राटे के साथ सुनाती हैं. वर्ल्ड रिकॉर्ड ऑफ एक्सीलेंस में दर्ज हो चुका है. 26 दिसंबर को उन्हें यह अवार्ड भी प्रदान किया गया है. छात्रा ने 2 घंटे 5 मिनट और 20 सेकेंड में श्रीमद्भागवत गीता के 700 श्लोक को सुनाकर यह उपलब्धि हासिल की.
अर्यमा की प्रतिभा की हर जगह होती है तारीफ. (Photo Credit; ETV Bharat) 11 दिसंबर को हासिल की उपलब्धि :अर्यमा ने 11 दिसंबर को आईटी कॉलेज चौराहे पर स्थित रामकृष्ण मठ में गीता जयंती के अवसर पर आयोजित गीता पाठ के दौरान यह उपलब्धि हासिल की. अर्यमा ने बताया कि वह इन श्लोकों को याद करने के लिए अलग से किसी भी तरह की ट्रेनिंग या टीचिंग का सहारा नहीं ली. साल 2022 में वह एक इवेंट में गईं थीं. वहां पर उन्होंने संस्कृत के श्लोक को लाइव सुना. इसके बाद वह घर पर आकर श्लोक को सुनकर उसकी प्रैक्टिस करने लगीं.
मां-पिता ने की मदद :इसके बाद भागवत गीता के अलावा दूसरे हिंदू ग्रंथ और उसमें दर्ज श्लोक भी उन्हें याद हैं. अर्यमा शुक्ला ने बताया कि जब कभी उन्हें अपनी प्रैक्टिस के दौरान कुछ दिक्कत होती थी तो वह अपनी मां अंशिका शुक्ला और पिता विवेक शुक्ला से मदद लेती थीं. संस्कृत के उन कठिन शब्दों के उच्चारण को उनसे सीखती थीं. पढ़ाई के बाद जब भी समय मिलता था तो श्लोकों को याद करती थीं.
कई मंचों पर मिल चुका है सम्मान. (Photo Credit; ETV Bharat) अर्यमा शुक्ला अपनी क्लास में टॉपर स्टूडेंट भी हैं. उन्होंने बताया कि वह अपने पढ़ाई पर भी पूरा फोकस करती हैं. स्कूल और स्कूल के बाद घर पर जाकर पहले अपने स्टडी को पूरा करती हैं. उसके बाद जो खाली समय बचता है, उसमें वह अपने पैशन को पूरा करती हैं. उन्होंने बताया कि अभी तक उन्होंने संस्कृत के बारे में ना कोई कोचिंग ली है, नहीं उन्हें संस्कृत किसी ने पढ़ाया. उनके स्कूल में भी संस्कृत नहीं पढ़ाया जा रहा है. साल साल की उम्र में उन्होंने श्लोकों को याद करने का अभ्यास शुरू किया था.
राज्यपाल भी कर चुकीं हैं तारीफ. (Photo Credit; ETV Bharat) 2250 से अधिक श्लोक याद :अर्यमा शुक्ला ने बताया कि उन्हें 700 श्रीमद् भागवत गीता के श्लोक के अलावा कुल 2250 से अधिक संस्कृत के श्लोक याद हैं. संस्कृत में अनेक महामंत्र कंठस्थ हैं. जैसे कि महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम, श्री कनकधारा स्तोत्रम, श्री विष्णू सहस्रनाम, श्री राम स्तुति,सरस्वती वंदना, शिव रक्षास्तोत्रम, शिव तांडव, श्री राम रक्षास्तोत्रम, श्री रामाष्टकम, कृष्णाष्टाकम, मधुराष्टकम, श्री गणेशपंचरत्नम, नवदुर्गा स्तोत्रम,श्री हरि स्तोत्रम, अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम, रुद्राष्टकम, शिवाष्टकम, निर्वाण षटकम, शिव षडक्षर स्तोत्रम, श्री राम सहस्त्रनाम, और संपूर्ण श्रीदुर्गा सप्तशती आदि. इन सभी में करीब 2250 से अधिक श्लोक हैं.
अर्यमा अनेक विभूतियों समेत उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी आशीर्वाद प्राप्त कर चुकी हैं.
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